प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों और अभिभावकों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा 2021' की। इस दौरान उन्होंने छात्रों के लिए कसौटी शब्द का मतलब बताया। उन्होंने कहा, हमें बच्चों पर दबाव नहीं बढ़ाना चाहिए। अगर बाहर का दबाव खत्म हो गया तो परीक्षा का दबाव कभी महसूस नहीं होगा।आत्मविश्वास फलेगा-फूलेगा। बच्चों को घर में तनाव मुक्त जीना चाहिए।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों और अभिभावकों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा 2021' की। इस दौरान उन्होंने छात्रों के लिए कसौटी शब्द का मतलब बताया। उन्होंने कहा, हमें बच्चों पर दबाव नहीं बढ़ाना चाहिए। अगर बाहर का दबाव खत्म हो गया तो परीक्षा का दबाव कभी महसूस नहीं होगा।आत्मविश्वास फलेगा-फूलेगा। बच्चों को घर में तनाव मुक्त जीना चाहिए।
"कसौटी। मतलब, खुद को कसना है"
"हमारे यहां एग्जाम के लिए एक शब्द है कसौटी। मतलब, खुद को कसना है। ऐसा नहीं है कि एग्जाम आखिरी मौका है। बल्कि एग्जाम तो एक प्रकार से एक लंबी जिंदगी के लिए अपने आपको कसने का उत्तम अवसर है।"
पीएम ने बताया, एग्जाम में कब होती है समस्या?
"एक मौका है। समस्या तब होती है, जब हम एग्जाम को ही जैसे जीवन के सपनों का अंत मान लेते हैं। जीवन मरण का प्रश्न बना देते हैं। दरअसल, एग्जाम जीवन को गढ़ने का एक अवसर है। हमें अपने आप को कसौटी पर कसने के मौके खोजते ही रहना चाहिए, ताकी हम और बेहतर कर सके हमें भागना नहीं चाहिए।"
पीएम ने बताया, परीक्षा में कैसे तनाव कम करें?
पल्लवी नाम की छात्रा ने पूछा- पूरे साल पढ़ाई ठीक चल रही है, लेकिन परीक्षा के वक्त तनाव पूर्ण स्थिति हो जाती है, इसके लिए कोई उपाय बताइये? वहीं, अर्पण पांडेय ने पूछा- परीक्षा के समय भय और तनाव से कम कैसे मुक्ति पा सकते हैं?जवाब में पीएम मोदी ने कहा, मुझे भी तनाव होता था। लेकिन सबको पता है कि पहले से जानकारी रहती है कि परीक्षा कब है। यानी कोई आसमान नहीं टूटा है, वही हो रहा है जो चीज पहले से तय है। यानी तनाव आपको परीक्षा का नहीं है, बल्कि आपके आसपास के माहौल का है, जो आपके चारों ओर परीक्षा को लेकर बना दिया गया है।
पहले मां-बाप बच्चों के साथ कई विषयों पर जुड़े रहते थे और सहज भी रहते थे। आजकल मां-बाप करियर, पढ़ाई सैलेबस तक बच्चों के साथ इंवॉल्व रहते हैं। अगर मां-बाप ज्यादा इंवॉल्व रहते हैं, तो बच्चों की रुचि, प्रकृति, प्रवृत्ति को समझते हैं और बच्चों की कमियों को भरते हैं। हमारे यहां एग्जाम के लिए एक शब्द है- कसौटी। मतलब खुद को कसना है, ऐसा नहीं है कि एग्जाम आखिरी मौका है। बल्कि एग्जाम तो एक प्रकार से एक लंबी जिंदगी जीने के लिए अपने आप को कसने का उत्तम अवसर है।