
ट्रेंडिंग डेस्क: चांद की खूबसूरती अपने आप में ही अनोखी होती है और 14 जून की रात को तो उसकी खूबसूरती में चार चांद लग गए। दरअसल, मंगलवार, 14 जून की पूर्णिमा, स्ट्राबेरी चंद्रमा दिखा। यह भारतीय समयानुसार 14 जून को शाम 5.22 बजे दिखाई दे रहा था। इस बार चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अपनी कक्षा में निकटतम बिंदु पर था, जिससे यह ऐसा दिखाई दे रहा था, जिसे एक "सुपरमून" या स्ट्राबेरी मून (Strawberry Super Moon) कहा जाता है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को चंद्रमा पृथ्वी से 222,238 मील के दायरे में आ गया था।
क्या होता है स्ट्राबेरी मून
स्ट्रॉबेरी मून न तो स्ट्रॉबेरी जैसा दिखता है और न ही यह गुलाबी रंग का होता है। उत्तरपूर्वी अमेरिका और पूर्वी कनाडा में अल्गोंक्विन मूल अमेरिकी जनजातियों मे पूर्णिमा के चांद को यह नाम दिया गया था, क्योंकि यह स्ट्रॉबेरी कटाई के मौसम को संदर्भित करता है। जानकारों का मानना है कि स्ट्रॉबेरी मून नाम का इस्तेमाल ओजिब्वे, अल्गोंक्विन, लकोटा और डकोटा लोगों द्वारा जून-असर वाले स्ट्रॉबेरी के पकने के लिए किया गया था। हिन्दू धर्म में स्ट्रॉबेरी चंद्रमा को वट पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। जिसमें विवाहित महिलाएं एक बरगद के पेड़ के चारों ओर एक औपचारिक धागा बांधती हैं और अपने जीवनसाथी के लंबे जीवन के लिए उपवास रखती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर
स्ट्रॉबेरी मून की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इससे जुड़े कई सारे वीडियो और फोटो ट्विटर पर पोस्ट किए जा रहे है। अब इस वीडियो में ही देख लीजिए समुंदर से ऊपर नजर आता ये चांद कितना खूबसूरत दिखाई पड़ रहा है।
आम दिनों से चमकीला था 14 जून का चांद
नासा के अनुसार, एक सुपरमून साल के सबसे छोटे चंद्रमा की तुलना में 17% बड़ा और 30% चमकीला दिखाई देता है, जब वह स्पेस में अपने कक्ष में पृथ्वी से सबसे दूर होता है। सुपरमून दुर्लभ होते हैं और साल में तीन से चार बार होते हैं। इस बार 6 सूपरमून दिखाई देंगे-
13 जुलाई: बक मून
11 अगस्त: स्टर्जन मून
10 सितंबर: हार्वेस्ट मून
9 अक्टूबर: हंटर मून
8 नवंबर:बीवर मून
7 दिसंबर: कोल्ड मून
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