26 जनवरी, 1950 को भारत सरकार अधिनियम एक्ट 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान 26 नवंबर,1949 को ही पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 इसे लागू किया गया था।
ट्रेंडिंग डेस्क : भले ही देश को आजादी 15 अगस्त, 1947 को मिली लेकिन 26 जनवरी, 1950 को भारत पूर्ण गणराज्य बना था। इस बार 26 जनवरी को देशभर में 74वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) मनाया जाएगा। भारत के इस राष्ट्रीय पर्व का काफी महत्व है। इसी दिन साल 1950 को भारत सरकार अधिनियम एक्ट (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। वैसे तो संविधान भी 26 नवंबर, 1949 को ही पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन दो महीने बाद 26 जनवरी 1950 इसे लागू किया गया। आपको बता दें कि इससे पहले 26 जनवरी को मनाए जाने वाला गणतंत्र दिवस 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता था. आइए जानते हैं गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्व और पूरी कहानी..
20 साल पहले ही लिख दी गई थी '26 जनवरी' की पटकथा
26 जनवरी, 1950 में संविधान लागू करने के पीछे एक नहीं कई कारण थे। देश की आजादी के बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया। इसके दो महीने बाद इसे लागू किया गया। संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी (Republic Day History) का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूरी तरह से राष्ट्र की आजादी का ऐलान किया था।
तब 26 जनवरी को मनाया गया था 'स्वतंत्रता दिवस'
साल 1929 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें आम सहमति बनी कि ब्रिटिश सरकार 26 जनवरी, 1930 तक भारत को डोमिनियन स्टेटस का दर्जा दे। पहली बार इसी दिन भारत का 'स्वतंत्रता दिवस' मनाया गया था। जब 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली, उससे पहले तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा था। 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा होने के ऐतिहासिक दिन को महत्व देने के लिए 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।
26 जनवरी, 1950 से दो दिन पहले..
भारत के संविधान का ड्राफ्ट डॉ. भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया था। यही कारण है कि उन्हें भारतीय संविधान का 'वास्तुकार' कहा जाता है। कई सुधार और बदलावों के बाद संविधान बनाने वाली कमेटी के 308 सदस्यों ने 26 जनवरी, 1950 से दो दिन पहले 24 जनवरी, 1950 को हाथ से लिखे कानून की दो कॉपियों पर अपने-अपने हस्ताक्षर किए और फिर दो दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को देश में संविधान लागू कर दिया गया।
भारत को मिली लोकतांत्रिक पहचान
26 जनवरी का महत्व (Republic Day Significance) बना रहे, इसके लिए उसी दिन भारत को लोकतांत्रिक पहचान दी गई। संविधान के लागू होते ही अंग्रेजों के कानून Government of India Act (1935) को संविधान के माध्यम से भारतीय शासन दस्तावेज के रूप में बदला गया। तभी से हर साल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
शुभ घड़ी और शुभ मुहूर्त में भारत बना गणतंत्र राष्ट्र
26 जनवरी, 1950 की सुबह भारत के लिए एक नया सबेरा बनकर आई थी। उस दिन पूरा देश अलग ही ऊर्जा महसूस कर रहा था। सुबह 10 बजकर 18 मिनट की शुभ घड़ी में भारत गणतंत्र राष्ट्र बना। ठीक 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इसी दिन पहली बार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति बनकर बग्गी से राष्ट्रपति भवन से बाहर निकले और पहली बार सेना की सलामी ली। भारत को पहले राष्ट्रपति को पहली बार गार्ड ऑफ ऑनर भी उसी दौरान दिया गया था।
24 जनवरी से 29 जनवरी तक गणतंत्र दिवस सेलिब्रेशन
गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है। इसका सेलिब्रेशन एक हफ्ते तक चलता रहता है। वैसे तो गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम की शुरुआत 24 जनवरी से हो जाता है। इस दिन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चों के नाम का ऐलान किया जाता है। लेकिन इस बार 23 जनवरी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती से ही इसकी शुरुआत हो गई है जो 29 जनवरी तक चलता है। आइए जानते हैं किस दिन को किस तरह मनाते हैं...
गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम
23 जनवरी - नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर पराक्रम दिवस
24 जनवरी - राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चों के नाम का ऐलान
25 जनवरी - राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का संबोधन
26 जनवरी - गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम, राजपथ पर परेड
27 जनवरी - परेड में शामिल एनसीसी कैडेट से प्रधानमंत्री की मुलाकात
29 जनवरी - रायसीना हिल्स पर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम, तीनों सेनाओं का बैंड शानदार धुन के साथ मार्च पास्ट
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