कौन है 'विराट' जिसे पीएम मोदी ने भी किया दुलार, 13 साल की सर्विस के बाद आज हुआ रिटायर

विराट को इस साल सेना दिवस के मौके पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। विराट असाधारण सेवा और क्षमताओं के लिए प्रशंसा प्राप्त करने वाला पहला घोड़ा है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 26, 2022 9:47 AM IST

नई दिल्ली.  देश आज अपना गणतंत्र दिवस (republic day) मना रहा है। राजपथ में गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद राष्ट्रपति के अंगरक्षक, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को वापस राष्ट्रपति भवन  लेकर जाने के लिए पहुंचे उस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm modi) ने वहां मौजूद घोड़े के मुंह पर हाथ फेरते दिखे। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रपति भी मौजूद थे। इस घोड़े का नाम विराट (horse virat) है। देश के राष्ट्रपति के सुरक्षा बेड़े में कई सालों से तैनात रहा घोड़ा 'विराट' आज रिटायर हो गया है। 

मिल चुका है सम्मान
विराट को इस साल सेना दिवस के मौके पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। विराट असाधारण सेवा और क्षमताओं के लिए प्रशंसा प्राप्त करने वाला पहला घोड़ा है।  गणतंत्र दिवस परेड के समापन के बाद पीबीजी ने विराट के संन्यास की घोषणा की।

 

 

पीएम मोदी ने किया दुलार
'विराट' जब 73वें गत्रतंत्र दिवस की परेड में पहुंचा था तो पीएम मोदी भी उसे दुलार करने से नहीं रोक पाए। पीएम मोदी ने 'विराट' को प्यार से सहलाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी 'विराट' को सहला रहे थे। दरअसल, 'विराट' इकलौता घोड़ा है जो 13 बार गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले चुका है। यही वजह है कि आज 'विराट' को शानदार तरीके से रिटायर किया गया। 

2003 में सुरक्षा बेड़े में किया गया था शामिल
परेड के दौरान विराट को सबसे भरोसेमंद घोड़ा माना जाता था। हनोवेरियन नस्ल के घोड़े को 2003 में अंगरक्षक परिवार में शामिल किया गया था। उन्हें राष्ट्रपति के अंगरक्षक का चार्जर कहा जाता है। यह घोड़ा अपने नाम के मुताबिक बहुत ही सीनियर, अनुशासित और आकर्षक कदकाठी का है। यह घोड़ा 2003 में हेमपुर के रिमाउंट ट्रेनिंग स्कूल एंड डिपो से तीन साल की उम्र में यहां लाया गया था।

राष्ट्रपति के अंगरक्षक भारतीय सेना में सबसे विशिष्ट रेजिमेंट हैं, जिन्हें हजारों की संख्या में ऊंचाई और विरासत के आधार पर चुना जाता है और उनकी स्थिति के अनुरूप बेहतरीन रेगलिया में बिस्तर लगाया जाता है। 200-मजबूत घुड़सवार इकाई, सदियों से ब्रिटिश वायसराय से लेकर आधुनिक समय के राष्ट्राध्यक्षों तक, भारत के सबसे ऊपर वाले वीआईपी को सौंपी गई है। 2021 में गणतंत्र दिवस परेड और बीटिंग द रिट्रीट समारोह के दौरान घोड़े ने अपने बुढ़ापे के बावजूद असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया था।

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