वैज्ञानिकों का दावा- हवा से फैलता है वायरस पर हवा में नहीं, इन जगहों में तेजी से फैलता है संक्रमण

रिसर्च के अनुसार पूरा अस्पताल भी संक्रमित हो सकता है। इसलिए कोविड अस्पतालों को दूसरे अस्पतालों से बिल्कुल अलग रखा जाता है। जिन जगहों में वेंटिलेशन नहीं है और वहां सोशल डिस्टेंसिग है इसके बाद भी वायरस फैसले की संभावना अधिक है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 19, 2021 7:03 AM IST / Updated: Apr 19 2021, 03:02 PM IST

ट्रेडिंग डेस्क. देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते मामलों के बीच कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। बीते साल की तरह इस बार भी गर्मी के महीने में वायरस तेजी से फैल रहा है। कोरोना को लेकर एक नया रिसर्च सामने आया है। भारत के 17 वैज्ञानिकों ने कोरोना के लेकर एक नया दावा किया है। नए रिसर्च के अनुसार, गर्मी के कारण वायरस के फैलने की क्षमता अधिक है। 

दैनिक भास्कर के अनुसार, सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिकुलर बॉयोलॉजी (CCMB) हैदराबाद के डायरेक्टर डॉ. राकेश के. मिश्रा बताते हैं कि गर्मी के मौसम में सांस तेजी से भाप बन जाती है। ऐसे में जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है तो वायरस छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाता है। वायरस के अतिसूक्ष्म कण सांस के साथ स्प्रे की तरह तेजी से बाहर आते हैं और देर तक हवा में रहते हैं।

बिना मास्क हो सकते हैं संक्रमित
अगर इस दौरान कोई व्यक्ति उस जगह पहुंच जाता है तो उसके भी संक्रमित होने के चांस बढ़ जाते हैं। रिसर्च में ये भी दावा किया गया है कि खुले वातावरण में अगर कोई व्यक्ति खुले वातावरण में संक्रमण का खतरा कम है।

किन जगहों में संक्रमण का ज्यादा खतरा
संक्रमित व्यक्ति अगर किसी कमरे, हॉल, लिफ्ट या भीड़ वाले इलाके में छींकता है तो वहां मौजूद लोगों को संक्रमित होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ सकती है। 

रिसर्च का आधार
वायरस हवा में फैला है या नहीं इसके लिए वैज्ञानिकों ने हैदराबाद और मोहाली में 64 जगहों पर सैंपल लिए। इसमें अस्पतालों के ICU, सामान्य वार्ड, स्टाफ रूम, गैलरी, मरीज के घर के बंद और खुले कमरे, बिना वेंटिलेशन और वेंटिलेशन वाले घर शामिल हैं।

कहां फैल सकता है संक्रमण
CCMB के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सीएच मोहन राव के मुताबिक, वायरस हवा में भी फैल रहा है, लेकिन हवा से नहीं फैल रहा। उदाहरण के लिए किसी जगह संक्रमित व्यक्ति खांसता है तो उस 2-3 मीटर के दायरे में आने वाला व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। रिसर्च के अनुसार जिन घरों में वेंटिलेशन नहीं है वहां वायरस करीब 2 घंटे तक रहता है। रिसर्च के अनुसार पूरा अस्पताल भी संक्रमित हो सकता है। इसलिए कोविड अस्पतालों को दूसरे अस्पतालों से बिल्कुल अलग रखा जाता है। जिन जगहों में वेंटिलेशन नहीं है और वहां सोशल डिस्टेंसिग है इसके बाद भी वायरस फैसले की संभावना अधिक है। 

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