रूस के पास के फादर ऑफ ऑल बम, एक विस्फोट से जलकर खाक हो जाता है 300 मीटर का इलाका

रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा (Oksana Markarova) ने दावा किया है कि युद्ध के पांचवें दिन रूस ने यूक्रेन के ख‍िलाफ प्रतिबंधित थर्मोबैरिक हथियार (Thermobaric Weapon) का इस्तेमाल किया।

ट्रेंडिंग डेस्क. रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा (Oksana Markarova) ने दावा किया है कि युद्ध के पांचवें दिन रूस ने यूक्रेन के ख‍िलाफ प्रतिबंधित थर्मोबैरिक हथियार (Thermobaric Weapon) का इस्तेमाल किया। यूक्रेन मे दावा किया है कि रूस ने सोमवार को वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है। बता दें कि वैक्यूम बम जेनेवा कंवेंशन के तहत प्रतिबंधित है। आइए जानते हैं वैक्यूम बम क्या है और ये इतना खतरनाक क्यों होता है और ये कैसे मचाते हैं तबाही ?

क्या है वैक्यूम बम
यह एक थर्मोबैरिक हथियार है। थर्मोबैरिक हथियारों में बारूद का प्रयोग नहीं होता है। वैक्यूम बम शक्तिशाली विस्फोट करने के लिए आसपास के वातावरण से ऑक्सीजन सोखते हैं। इसमें से अल्‍ट्रासोनिक शॉकवेव निकलती हैं, जो तबाही का स्तर बढ़ा देती हैं। वैक्यूम बम 44 टन टीएनटी की ताकत के साथ विस्फोट करने में सक्षम होते हैं। यह एक बार में ही करीब 44 टन टीएनटी की ऊर्जा निकलती है और 300 मीटर के क्षेत्र का इलाका जलकर खाक हो सकता है।

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एक बम 300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है। यहीं कारण है कि इस बम को फादर ऑफ ऑल बम भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने इस वैक्‍यूम बम का इस्‍तेमाल 2016 में सीरिया पर किया था। 

कब बना ये बम
थर्मोबेरिक बम की गिनती दुन‍िया के सबसे घातक परमाणु हथ‍ियार में की जाती है। इसे रूस ने 2007 में विकसित किया था। 7100 किलो वजन वाले इस बम का इस्‍तेमाल करने पर यह रास्‍ते में आने वाली बिल्डिंग और इंसानों को तबाह कर देता है। यह हवा से ऑक्सीजन को बाहर खींचता है और एक छोटे परमाणु हथियार के समान असर पैदा करता है। यह शक्तिशाली बम परमाणु हथियारों के विपरीत पर्यावरण के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता।

अमेरिका के पास मदर ऑफ ऑल बॉम्ब
रूस का फादर ऑफ ऑल बॉम्ब, अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बॉम्ब के खिलाफ तैयार किया गया था। साल 2003 में अमेरिका ने फ्लोरिडा में इस बम का परीक्षण किया था। इसका नाम GBU-43/B है। यह बम ताकत के मामले में रूस के बम से कहीं पीछे है। इसका वजन करीब  10,000 किलोग्राम है और यह 11 टीएनटी के करीब ताकत से धमाका करता है। यह अपने धमाके की चपेट में 150 से 300 मीटर तक के क्षेत्र में तबाही लाने की ताकत रखता है।

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