Save Soil Movement: मिट्टी के बारे में वो 15 महत्वपूर्ण फैक्ट जो सभी को जानना चाहिए
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु (Spiritual leader Sadhguru) मिट्टी बचाओ (Save Soil) यात्रा पर निकले हैं। मिट्टी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते हैं जो हम सभी के लिए जानना जरूरी हैं। मिट्टी का क्षरण दुनिया भर के 3.2 बिलियन लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
Pawan Tiwari | Published : May 25, 2022 4:49 AM IST
ट्रेंडिंग डेस्क. आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु (Spiritual leader Sadhguru) इन दिनों मिट्टी बचाओ (Save Soil) यात्रा पर निकले हैं। यात्रा के 70वें दिन वो अपने अंतिम पड़ाव में 29 मई को गुजरात के जामनगर पहुंचेंगे। इस यात्रा का मिशन था मृदा संरक्षण की आवश्यकता पर जागरूकता फैलाना है। सद्गुरू ने कहा कि- मृदा वस्तुतः इस ग्रह पर जैव विविधता की जननी है। समृद्ध मिट्टी के बिना, जैव विविधता की कोई संभावना नहीं है। यह गर्भ है जो इस ग्रह पर जीवन को जन्म देता है। आइए जानते हैं मिट्टी से जुड़े 15 महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में। जिन्हें सभी को जानना चाहिए।
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हम जो भोजन करते हैं उसका कम से कम 95 प्रतिशत मिट्टी से आता है।
छह इंच मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ को एक प्रतिशत बढ़ाने से प्रति एकड़ 20,000 गैलन अधिक पानी होता है।
मिट्टी का क्षरण दुनिया भर के 3.2 बिलियन लोगों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
एक ग्राम स्वस्थ मिट्टी में, 100 मिलियन से 1 बिलियन बैक्टीरिया और 100,000 से 1 मिलियन कवक मिल सकते हैं, जो पौधे की वृद्धि और स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं।
2050 तक, पृथ्वी की 90 प्रतिशत मिट्टी खराब हो सकती है।
मिट्टी में जैविक सामग्री को 0.5 से 3 प्रतिशत तक बढ़ाने से मिट्टी द्वारा बनाए गए पानी को दोगुना कर दिया जाएगा।
मिट्टी की उर्वरता में गिरावट के कारण 20 प्रतिशत वनस्पति को उत्पादकता में गिरावट आई है।
भोजन और मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी के कारण दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी में आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी है।
एक चम्मच मिट्टी में दुनिया के लोगों की तुलना में अधिक जीवित जीव होते हैं। स्वस्थ मिट्टी के एक चम्मच के भीतर लगभग 10,000- 50,000 सूक्ष्म जीव प्रजातियां हैं।
दुनिया की सारी ऊपरी मिट्टी 60 वर्षों के भीतर खत्म हो सकती है। दुनिया भर में हर साल लगभग 12 मिलियन हेक्टेयर ऊपरी मिट्टी नष्ट हो जाती है। यह लगभग पूरे ग्रीस राष्ट्र के आकार का है।
विश्व की 90 फीसदी कृषि के लिए मिट्टी पानी का स्रोत है। लेकिन 52 फीसदी कृषि भूमि पहले ही खराब हो चुकी है।
व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली कई एंटीबायोटिक्स मिट्टी के रोगाणुओं से उत्पन्न हुई हैं। जिसमें दुनिया का पहला एंटीबायोटिक पेनिसिलिन भी शामिल है।
केंचुओं की उपस्थिति से उपज में 43-350 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
अगर मिट्टी में कार्बन सिर्फ 0.4% बढ़ा दिया जाए तो खाद्यान्न उत्पादन हर साल 1.3% बढ़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, मिट्टी को पुनर्जीवित करने से वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 25-35 प्रतिशत तक कम हो सकता है।