Google इंजीनियर का चौंकाने वाला दावा, चैटबॉट ने उससे इंसानों की तरह बर्ताव किया, जानिए क्या है ये बला

Google AI ChatBot: क्या चैटबॉट(hatbot) भी किसी इंसान की तरह सोच सकता है? फिलहाल, तो नहीं, लेकिन Google की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेवलपमेंट टीम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने यह दावा करके कि आर्टिफिशयल इंटेलिसेंज(AI) संवेदनशील हो गया है। उसने गूगल के सर्वर पर जिस AI से बातचीत की, वो असल में इंसान की तरह सोच रहा था, सबको चौंका दिया। हालांकि गूगल ने इस इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है।
 

Amitabh Budholiya | Published : Jun 14, 2022 1:40 AM IST / Updated: Jun 14 2022, 07:13 AM IST

वर्ल्ड न्यूज. टेक्नोलॉजी के समय में अकसर आपका वास्ता आर्टिफिशयल इंटेलिसेंज(AI) से पड़ता ही होगा। जैसे-कोई भी कंपनी से शिकायत-सुझाव या अन्य कोई समस्या के लिए आप उसके वाट्सऐप से जुड़कर सवाल-जवाब करते हैं। दूसरी तरफ से AI आपसे बातचीत करता है। लेकिन यह एक सॉफ्टवेयर होता है, कोई इंसान नहीं। क्या चैटबॉट(hatbot) भी किसी इंसान की तरह सोच सकता है? फिलहाल, तो नहीं, लेकिन Google की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेवलपमेंट टीम के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ब्लेक लेमोइन( Blake Lemoine) ने यह दावा करके कि आर्टिफिशयल इंटेलिसेंज(AI) संवेदनशील हो गया है। उसने गूगल के सर्वर पर जिस AI से बातचीत की, वो असल में इंसान की तरह सोच रहा था, सबको चौंका दिया। हालांकि गूगल ने इस इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है। लेमोइन पर आरोप है कि उन्होंने थर्ड पार्टी के साथ कंपनी के प्रोजेक्ट के बारे में कॉन्फिडेंशियल जानकारी शेयर की।

इसलिए विवादों में आया AI
ब्लेक ने अपने सस्पेंशन के बाद गूगल के सर्वर को लेकर एक ऐसा अजीब और चौंकाने वाला दावा किया, जिसने टेक्नोलॉजी की दुनिया में हड़कंप मचा दिया। ब्लेक ने कहा कि गूगल के सर्वर पर उनका सामना एक  संवेदनशील AI यानी संवेदनशील AI से हुआ है। यानी AI चैटबॉट एक इंसान की तरह सोचकर उनसे बातचीत कर रहा था। ब्लेक जिस AI सॉफ्टवेयर का जिक्र कर रहे  हैं, उसका नाम LaMDA (Language Model for Dialouge Applications) है।  इसका प्रयोग विभिन्न कंपनियों के चैट बॉट बनाने के लिए होता है, जो अलग-अलग पर्सनैलिटी को अपनाकर ह्यूमन यूजर्स के साथ टेक्स्ट या स्पीच के जरिये बातचीत करता है। 

Latest Videos

गूगल ने दिया ये जवाब
ब्लेक ने अमेरिकी मीडिया वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक सनसनीखेज इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने अपनी बात सच साबित करने के लिए एक एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश की थी, लेकिन जब उन्होंने कंपनी के टॉप आफिशियल्स के सामने ये प्रस्ताव रखा, तो उन्हें बेइज्जत किया गया। ब्लेक गूगल से रिलेटेड कंपनी Alphabet inc के लिए काम करते हैं। उन्हें  पिछले हफ्ते की शुरुआत में पेड लीव पर भेज दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने कंपनी की कॉन्फिडेंशियलिटी पॉलिसी का उल्लंघन किया है। गूगल के प्रवक्ता ब्रायन गेब्रियल ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज के कन्वर्सेशन मॉडल इतने संवेदनशील नहीं हैं, हालांकि इस दिशा में काम चल रहा है। 

यह भी पढ़ें
हेल्थ पर कड़ी नजर रखने वाली Amazfit Zepp E स्मार्टवॉच हुई इंडिया में लॉन्च, देखे फीचर्स और कीमत
लॉन्च से पहले यहां जानिए OnePlus 10T 5G के लीक स्पेसिफिकेशन और फीचर्स, इतनी होगी कीमत

 

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts
इस्तीफा देने के बाद कहां रहेंगे केजरीवाल, नहीं है घऱ #Shorts
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?