जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए नवीन तकनीकों का सहारा ले रही हैं सौर कंपनियां

2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, 98.7% जलवायु विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि मानव गतिविधि के कारण पृथ्वी गर्म हो रही है। जिससे वायुमंडल में प्राकृतिक ग्रीनहाउस गैसों की स्थिति को बदल रही हैं, जो पृथ्वी को गर्म कर रही है।

Pawan Tiwari | Published : Jun 29, 2022 10:39 AM IST

ट्रेंडिंग डेस्क. जलवायु परिवर्तन अब सवाल नहीं, जवाब बनता जा रहा है। मौसम में बदलाव सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन का संकेत है। यह हमें कई तरह से प्रभावित कर रहा है, जिसमें बढ़ती गर्मी, बिगड़ते मौसम का मिजाज, जीवाश्म ईंधन का जलना और अन्य समस्याएं शामिल हैं। 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, 98.7% जलवायु विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि मानव गतिविधि के कारण पृथ्वी गर्म हो रही है। जिससे वायुमंडल में प्राकृतिक ग्रीनहाउस गैसों की स्थिति को बदल रही हैं, जो पृथ्वी को गर्म कर रही है।

इसके चलते नए तकनीकी सुधारों की मदद ली जा रही है। इस कैंपेन में सोलर कंपनियां बदलाव लाने में लगी हुई हैं। वे पहले से ही हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी, दक्षता वृद्धि, पतली फिल्म प्रौद्योगिकी, उच्च क्षमता वाली बैटरी और सौर सुरक्षा प्रौद्योगिकी सहित नए नवाचारों की खोज कर रहे हैं।

हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी-
अंतर्राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा एजेंसी (आईआरएनए) के अनुसार, 2050 तक हाइड्रोजन वैश्विक ऊर्जा उपयोग के 12 प्रतिशत तक कवर करने का अनुमान है। दुनिया भर में, जिन देशों ने ऐतिहासिक रूप से ऊर्जा का कारोबार नहीं किया है, वे हाइड्रोजन पर आधारित द्विपक्षीय ऊर्जा साझेदारी स्थापित कर रहे हैं। प्रतिभागियों की बढ़ती संख्या और वैश्विक स्तर पर शुद्ध आयातकों और निर्यातकों की नई श्रेणियों के कारण हाइड्रोजन व्यापार में वृद्धि देखी जा रही है।

पीवी पैनल की  क्षमता को बढ़ाने की जरुरत-
सौर कंपनियां पीवी पैनलों की क्षमता को अधिकतम करने के लिए लगातार नए तरीकों की तलाश कर रही हैं। शोधकर्ताओं ने एक बायफेशियल सिलिकॉन सोलर सेल भी विकसित किया जो लगभग 24.3% के प्रभावी उत्पादन के लिए सामने की तरफ और पीछे की ओर 23.4% की दक्षता प्रदान करता है। 29% की यह दक्षता सिलिकॉन सौर सेल्स के लिए अब तक का सबसे अधिक प्रदर्शन है।

पतली फिल्म तकनीक-
सौर पैनल से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए सौर कंपनियां अपनी पतली फिल्म सोलर सेल्स को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं। ये बहुत पतली परत से बने होते हैं, आमतौर पर केवल कुछ माइक्रोन मोटी होती हैं। इसके पुरानी क्रिस्टलीय सिलिकॉन सेल्स के मुकाबले कई फायदे हैं, जिनमें हल्का और अधिक लचीला होना शामिल है। पतली फिल्म सौर सेल सस्ते होते हैं और पारंपरिक सिलिकॉन सेल्स की तुलना में बेहतर उत्पादन क्षमता रखते हैं।

उच्च क्षमता वाली बैटरी-
बैटरियों की डिस्चार्ज क्षमता बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है ताकि बैटरियां रात में सौर ऊर्जा के भंडारण में मदद कर सकें और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के डिस्चार्ज समय को बढ़ा सकें। हाल के अनुमानों के अनुसार, 2050 तक, 100 GW तक की बैटरी स्थापित की जा रही हैं, जो सोलर एनर्जी की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। वैज्ञानिक भी सॉलिड इलेक्ट्रोलाइट्स विकसित कर रहे हैं जो बैटरी को और अधिक मजबूत बना सकते हैं, और 2026 की शुरुआत में बाजार में आने का लक्ष्य है।

रेज पावर एक्सपर्ट्स के एमडी और सीईओ राहुल गुप्ता ने कहा कि बड़ी कंपनियां अब सोलर पार्क और यूटिलिटी-स्केल नई तकनीकों के माध्यम से अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए काम कर रही हैं। जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक रूफटॉप्स (रूफटॉप सोलर) में तकनीकी सुधार के जरिए जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा हैं। साथ ही सरकारी योजनाओं जैसे सोलर पार्क योजना, वीजीएफ योजना, सीपीएसयू योजना, रक्षा योजना, कैनाल बैंक और कैनाल टॉप योजना, बंडलिंग योजना, ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप योजना आदि के माध्यम से भी पहल आगे बढ़ रही है।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई महत्वपूर्ण है और सौर कंपनियां इस लड़ाई में अहम भूमिका निभा रही हैं। सौर कंपनियां और सरकार जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए आवश्यक नवीन समाधानों को विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। 

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