यहां रहते हैं भूतों के थानेदार, कैसी भी बुरी आत्मा हो या चोर-डकैत, पेशी पर आते ही थर-थर कांपने लगते हैं

ये दुनिया अजीबो-गरीब चीजों और रहस्यों से भरी है। ऐसी कई जगहें हैं, जिनके राज़ आज तक नहीं खुल पाए हैं। ऐसा ही एक मंदिर है हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में। देवभूमि कुल्लू की सैंज घाटी के कनौग गांव में स्थित इस मंदिर(Mysterious Temple of Kullu) के बारे में कहा जाता है कि इसमें भूतों के थानेदार विराजे हैं। यहां बुरी आत्माओं से छुटकारा तो मिलता ही है, चोर-डकैत भी अपना जुर्म कबूल कर लेते हैं।

कुल्लू. दुनिया विचित्र चीजों से भरी पड़ी है। देश-दुनिया में ऐसी कई जगहें-मंदिर आदि हैं, जिनके छुपे रहस्य आज तक कोई पता नहीं कर पाया है। ऐसा ही एक मंदिर है हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में। देवभूमि कुल्लू की सैंज घाटी के कनौग गांव में स्थित इस मंदिर(Mysterious Temple of Kullu) के बारे में कहा जाता है कि इसमें भूतों के थानेदार विराजे हैं। यहां बुरी आत्माओं से छुटकारा तो मिलता ही है, चोर-डकैत भी अपना जुर्म कबूल कर लेते हैं। (फोटो:travelshoebum.com से साभार)

Latest Videos

मन्नत पूरी होने पर लोहा व त्रिशूल चढ़ाते हैं
इस मंदिर को वनशीरा देवता का मंदिर कहते हैं। कहते हैं कि इस घाटी में कई देवी-देवताओं निवास है। वनशीरा देवता को जंगलों का राजा या देवता भी कहते हैं। इनकी पूजा-अर्चना कुल्लू के अलावा हिमाचल प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी होती है। वनशीरा देवता चांदी के एक सुंदर रथ पर विराजमान है। ये न्याय के देवता हैं। कहते हैं कि यहां आकर भूत-पिचाश भाग जाते हैं। पीड़ितों को बुरी आत्माओं से मुक्ति मिल जाती है। चोर-डकैत अपना जुर्म कबूल कर लेते हैं। इस इलाके में कोई भी उत्सव हो या खुशी का अवसर, बनशीरा देवता को सबसे पहले पूजा जात है। मन्नतें पूरी होने पर लोग यहां लोहा व त्रिशूल चढ़ाते हैं।

वनशीरा देवता के बारे में किवदंतियां हैं
वनशीरा देवता के बारे में कई किवदंतियां हैं। एक किवदंती है कि ब्रह्मर्षि ने देवता वनशीरा को यहां के वनों की रखवाली का जिम्मा सौंपा था। कुल्लू का दशहरा दुनियाभर में प्रसिद्ध है। उत्सव में बनशीरा देवता की सवारी भी निकलती है। 972 से वनशीर देवता की कुल्लू दशहरा में सवारी निकलती आई है।
 
2018 में भीषण आग में नष्ट हो गया था मंदिर
यह बात मई, 2018 की है, जब घाटी गर्मी से तप रही थी। तब देवभूमि के जंगल भी आग लग गई थी। यह आग कुछ शरारती तत्वों ने लगाई थी। आग की चपेट में देवता बनशीरा का मंदिर भी जल कर राख हो गया था। तब देवता के पुजारी उत्तम चंद ने कहा था कि देवता का मंदिर जलता अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि बाद में मंदिर को फिर से बनवाया गया।

यह भी पढ़ें
रहस्यमयी मंदिर: अंधा होने और जहर के डर से पुजारी ही आंख-नाक पर कपड़ा बांधकर अंदर जाता है, 364 दिन बंद रहता है
मौत से बचने 20 घंटे फ्रिज में बैठा रहा 11 साल का बच्चा, पैर टूटा, परिवार लापता, बाहर निकलकर बोला-'भूख लगी है'

Share this article
click me!

Latest Videos

महाराष्ट्र चुनाव 2024: महाविकास आघाडी की बुरी हार की 10 सबसे बड़ी वजह
Maharashtra Election Result से पहले ही लगा 'भावी मुख्यमंत्री' का पोस्टर, जानें किस नेता का है नाम
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
Maharashtra Jharkhand Election Result: रुझानों के साथ ही छनने लगी जलेबी, दिखी जश्न पूरी तैयारी
Jharkhand Election Exit Poll: कौन सी हैं वो 59 सीट जहां JMM ने किया जीत का दावा, निकाली पूरी लिस्ट