शिमला : हिमाचल प्रदेश के एक दूल्हे और दुल्हन की शादी तय हो गई थी। दूल्हा तुर्की में नौकरी करता था। शादी की तारीख नज़दीक आ गई, लेकिन छुट्टी नहीं मिली। घर आना है, शादी करनी है, इसके लिए दूल्हे ने छुट्टी मांगी, लेकिन एक दिन की भी छुट्टी नहीं मिली। दूल्हे के दादा जी की तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए शादी टालना भी मुनासिब नहीं था। ऐसे में तुर्की ऑफिस में बैठे दूल्हे ने एक अनोखा फैसला लिया। ऑफिस में बैठे-बैठे वर्चुअल तरीके से हिमाचल प्रदेश में बैठी दुल्हन से शादी कर ली। दूल्हे के इस फैसले से बॉस भी हैरान रह गया।
बिलासपुर निवासी अदनान मोहम्मद की शादी तय हो गई थी। तुर्की की एक मशहूर कंपनी में काम करने वाले अदनान ने शादी के लिए छुट्टी मांगी थी। घर आने, शादी और दूसरे कामों के लिए एक महीने की छुट्टी मांगी थी। इतनी छुट्टी की बात सुनकर तुर्की कंपनी के होश उड़ गए। बॉस ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया। आखिर में एक हफ्ते की छुट्टी के लिए अर्जी दी, लेकिन काम का बोझ और दूसरे कारणों से छुट्टी नहीं मिली।
अदनान को शादी के लिए एक दिन की भी छुट्टी नहीं मिली। उधर, हिमाचल प्रदेश के शिमला में बैठी दुल्हन भी परेशान थी। आखिरकार दूल्हा-दुल्हन और परिवार वालों ने मिलकर एक फैसला लिया। अदनान के दादा जी की तबियत खराब थी। दादा जी के कहने पर तय मुहूर्त में ही शादी करने का फैसला लिया गया।
तुर्की में हमेशा की तरह ऑफिस पहुंचे अदनान शादी के मुहूर्त के समय वीडियो कॉल के जरिए शादी के मंडप में लगे स्क्रीन पर दिखाई दिए। बिलासपुर से दूल्हे के परिवार वाले बारात लेकर मंडप पहुंचे। दूल्हा और दुल्हन के परिवार वालों ने शादी की तैयारी की। मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह पढ़ा गया। वर्चुअल तरीके से शादी हो गई।
दूल्हे के इस फैसले से बॉस और पूरी कंपनी हैरान रह गई। दूल्हे के परिवार वालों ने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से तय समय पर शादी हो गई। काम खत्म होने के बाद दूल्हा घर आएगा। आजकल वर्चुअल शादी कोई नई बात नहीं है। कई कारणों से कई जोड़े वर्चुअल शादी कर चुके हैं। 2023 में शिमला में ही ऐसी एक वर्चुअल शादी हुई थी। शिमला के दूल्हे आशीष सिंह और कुल्लू की रहने वाली शिवानी ठाकुर की शादी वर्चुअल तरीके से हुई थी। जुलाई के महीने में इनकी शादी तय हुई थी, लेकिन जुलाई में हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ आ गई थी। शादी से एक दिन पहले हुई बारिश से कई जगहों पर भूस्खलन हो गया था। रास्ते बंद हो गए थे। पहाड़ दरक गए थे। ऐसे में दूल्हा और दुल्हन मंडप तक पहुंच ही नहीं पा रहे थे। घर से बाहर निकलना भी खतरनाक था। इसलिए वीडियो कॉल के जरिए शादी करनी पड़ी थी।