मानवीय भूल: UPSC-2021 का रिजल्ट आने पर इस लड़की ने किया था पास होने का दावा, अब परिवार सहित मांगी माफी

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा यानी यूपीएससी-सीएसई का रिजल्ट जब जारी हुआ तो दिव्या ने पास होने का दावा किया। इसके बाद उन्हें जब सच्चाई का पता चला तो परिवार सहित उन्होंने माफी मांगी। दरअसल, यह एक मानवीय भूल थी।

Asianet News Hindi | Published : Jun 4, 2022 9:10 AM IST / Updated: Jun 04 2022, 04:16 PM IST

नई दिल्ली। सबकी तरह झारखंड की दिव्या पांडे भी यूपीएससी-2021 के रिजल्ट का बेसब्री  से इंतजार कर रही थीं। बीते सोमवार को जब रिजल्ट जारी हुआ, तो उन्होंने अपना रोलनंबर और नाम तलाशना शुरू किया। मगर इंटरनेट साथ नहीं दे रहा था, जिसकी वजह से वह रिजल्ट नहीं देख पा रही थीं। 

तभी उत्तर प्रदेश में रहने वाले एक परिचित ने उन्हें फोन कर बताया कि दिव्या ने पहले ही एटेंप्ट में यूपीएससी क्रैक कर लिया है। उन्हें 323वां रैंक मिला है। दिव्या और उनके परिवार वाले खुशी से झूम उठे। यहां तक तो सब ठीक था। मगर इसके बाद उनसे एक बड़ी गलती हो गई, जिसकी वजह से उन्हें और उनके परिवार को न सिर्फ शर्मिंदा होना पड़ा बल्कि, माफी भी मांगनी पड़ रही है। हालांकि, यह सिर्फ एक मानवीय भूल थी और पुलिस भी यही मान रही है। लेकिन दिव्या जैसे पढ़े-लिखे लोगों से ऐसी लापरवाही और गलती की उम्मीद नहीं होती। बहरहाल, उम्मीद है कि आगे वे और उन जैसे कई युवा इससे सबक लेंगे। 

दिव्या को भरोसा था कि वह पास हो जाएगी
दरअसल, परिचित का फोन आने के बाद दिव्या और उनके परिवार वाले बेहद खुश हुए। उन्होंने इंटरनेट चलाने की कोशिश की, मगर जब साथ नहीं दिया तो उन्होंने परिचित की बात का भरोसा करते हुए ऐलान कर दिया कि दिव्या ने पहली बार में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है। दरअसल, दिव्या और उनके परिवार वाले इस बात से आश्वस्त थे कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास कर लेगी। इसकी बड़ी वजह थी कि दिव्या ने इस परीक्षा को लेकर कड़ी मेहनत की थी। रोज करीब 18 घंटे तक पढ़ने के बाद दिव्या के पेपर  भी अच्छे हुए थे, इसलिए परिचित ने जब बताया तो उन्हें भराेसा हो गया। 

दक्षिण  भारत की रहने वाली दिव्या के नाम पर हुई गफलत
यही भरोसा गड़बड़ी कर गया। दरअसल, 323वें रैंक पर यह वह झारखंड वाली दिव्या पांडे नहीं थी बल्कि, दक्षिण भारत के एक राज्य की रहने वाली दूसरी दिव्या थी। दिव्या पांडे की बहन प्रियदर्शिनी के अनुसार, मेरी बहन को यूपी में रहने वाले एक परिचित ने फोन कर बताया कि उनका चयन यूपीएससी में हो गया है और वह 323वें रैंक पर आई हैं। उनकी बात पर भरोसा करके हमने चयनित होने का ऐलान कर दिया और यही हमारी सबसे बड़ी गलती थी। 

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