
Varanasi Diaper Tree Shocks Family Dumps: बनारस में एक घर के बाहर अनोखा नजारा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जहां एक पेड़ पर फल की जगह यूज्ड डायपर लटकते नजर आ रहे हैं। इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर श्वेता कटारिया ने इस 'डायपर वाले पेड़' का वीडियो शेयर किया, जिसमें एक डबल स्टोरी घर दिखाया गया है। इस घर की बालकनी पर छोटे बच्चों के कपड़े सूखते हुए दिखे, जिससे पता चला कि वहां छोटा बच्चा रहता है। वहीं फुटपाथ पर लगे पेड़ पर दर्जनों गंदे डायपर झूल रहे थे, जो परिवार ने अपनी बालकनी से फेंके थे।
वायरल रील्स में श्वेता बता रही हैं। वह बहुत आश्चर्य जताते हुए वह कहती हैं, "ये डायपर वाला पेड़ बन गया है। क्या इनके घर में डस्टबिन नहीं है? ये अपने बच्चों को क्या भविष्य को क्या दे रहे हैं?" रिकॉर्डिंग के दौरान एक परिजन खाली प्लॉट पर कचरा फेंकता भी दिखा। श्वेता ने डिस्पोजेबल डायपर के पर्यावरण पर नेगेटिव इम्पेक्ट पर जोर दिया और रिसाइकिल्य कपड़े के डायपर अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि ये सस्ते, त्वचा के लिए बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल हैं।
यह वीडियो रेडिट के r/IndianCivicFails पर भी शेयर हुआ, जहां इसे '[NOT OC] THE TREE WHERE YOU GET NOT FRUITS BUT DIAPERS' कैप्शन के साथ शेयर किया गया है। सोशल मीडिया पर इस फैमिली को लेकर आक्रोश जताया गया। यूजर्स ने लिखा, "सिविक सेंस तो अब गटर में चला गया," और लोग इस पर भी कहते हैं कि "सरकार की जिम्मेदारी है।" कई लोगों ने कपड़े के डायपर इस्तेमाल करने का सपोर्ट किया। लोगों ने ये भी कहा कि इस कॉलोनी को लोगों को गंध नहीं आती क्या, उन्हें खुद इस संबंध में कदम उठाना चाहिए। ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार जरुरी है।
वायरल वीडियो ने लोकल एडमिनिस्ट्रेशन पर दबाव जरुर बनाया है, लेकिन इससे ज्यादा ये सोशल जिम्मेदारी है। एक्सपर्ट का कहना है कि डायपर प्लास्टिक और केमिकल से बने होते हैं, जो मिट्टी और पानी को प्रदूषित कर सकते हैं।