इस बार 12 जनवरी, रविवार का दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन एक नहीं तीन शुभ योग एक साथ बन रहे हैं। ये सभी योग पूरे दिन न रहकर दोपहर लगभग 1.50 तक ही रहेंगे।
उज्जैन. ज्योतिषी पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार 12 जनवरी को पुष्य नक्षत्र दोपहर लगभग 1.50 तक रहेगा। रविवार को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य इसके साथ ही सर्वार्थसिद्धि व श्रीवत्स योग भी इस दिन बन रह है। ये तीनों ही योग बहुत ही शुभ फल प्रदान करने वाले हैं।
ये है रवि-पुष्य का महत्व
इस बार रवि-पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि व श्रीवत्स योग एक साथ हैं, इसलिए इस दिन का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। रवि पुष्य और सर्वाथसिद्धि योग के एक साथ आने से शुभ कार्यों के पूरे परिणाम मिलेंगे। इस दिन की गई खरीदारी सभी लोगों के लिए शुभ फल देने वाली रहेगी। इस मुहूर्त में खरीदारी से घर में लक्ष्मी का वास होगा। जिन लोगों की जन्म कुंडली में सूर्य प्रतिकूल स्थान पर बैठा हो, वे लोग रवि-पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के ये उपाय कर सकते हैं-
पहला उपाय
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य से शुभ फल पाने के लिए इससे संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए, जैसे गेहूं, तांबा, माणिक रत्न (रूबी), लाल चंदन, गुड़ आदि। इन चीजों का दान करने से सूर्य से शुभ फल प्राप्त होते हैं। ये उपाय भी रवि-पुष्य के शुभ योग में करें।
दूसरा उपाय
रवि-पुष्य के योग से शुरू कर रोज नित्यकर्मों से निवृत्त होकर शिवलिंग पर पीले रंग के फूल अर्पित करें। साथ ही, बिल्व पत्र भी चढ़ाएं। शिवजी की कृपा से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
तीसरा उपाय
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो, तो उसे इस रवि-पुष्य के शुभ योग से शुरू कर हर रविवार को सूर्य का विशेष पूजन करना चाहिए। पूजन में अन्य सामग्रियों के साथ ही विशेष रूप से गुड़ और चावल भी अर्पित करें।