हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की अमावस्या 21 जून को आ रही है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस पर्व का विशेष महत्व है। इसे हलहारिणी अमावस्या कहते हैं।
उज्जैन. इस दिन हल और खेती के अन्य उपकरणों की पूजा की जाती है। क्योंकि इस अमावस्या के बाद वर्षा ऋतु आती है। आषाढ़ अमावस्या पर गंगा स्नान, दान और पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण का विशेष महत्व होता है। इसे हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस पर्व पर दान करने से पुण्य मिलता है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार इस बार सूर्यग्रहण होने से राशि अनुसार किए गए दान का विशेष महत्व रहेगा।
12 राशियों के अनुसार दान
मेष- लाल कपड़े, गेहूं और तिल का दान करना शुभ रहेगा। तो शीघ्र ही हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
वृष- सूती कपड़ों का दान करें। जल, दूध और सफेद तिल का दान करना चाहिए।
मिथुन- गाय को हरी घास खिलाएं। श्रद्धा अनुसार गणेश मंदिर में दान करें।
कर्क- गंगाजल, दूध से बनी मिठाइयां और सफेद कपड़े दान करें।
सिंह- लाल कपड़े, कंबल या चादर का दान करें।
कन्या- हरे मूंग, धान, कांसे के बर्तन या हरे कपड़ों का दान करें।
तुला- किसी मंदिर में फल, रुई या घी का दान करें।
वृश्चिक- भूमि, लाल वस्त्र, सोना, तांबा, केसर, कस्तूरी का दान करना चाहिए।
धनु- मंदिर में हल्दी, चने की दाल का दान करें।
मकर- कंबल और काले तिल का दान करें।
कुंभ- तेल, तिल, नीले-काले कपड़े, ऊनी कपड़े और लोहे का दान करें।
मीन- पीली चीजें, धर्मग्रंथ, शहद, भूमि, दूध देने वाली गाय, पीला चंदन, पीले कपड़े दान कर सकते हैं।