Ashadh 2022: आषाढ़ मास में 5 बुधवार होने और 5 ग्रहों की चाल बदलने से बढ़ सकती हैं हिंसा की घटनाएं, ये उपाय करें

आषाढ़ मास (Ashadh 2022) हिंदू पंचांग का चौथा महीना है। इस बार इसकी शुरूआत 15 जून, बुधवार से हो चुकी है, जो 13 जुलाई तक रहेगा। धार्मिक दृष्टि से ये महीना बहुत ही खास माना जाता है।

Manish Meharele | Published : Jun 20, 2022 2:29 AM IST

उज्जैन. आषाढ़ मास से ही चातुर्मास की शुरूआत होती है और इसी महीने में भगवान विष्णु सृष्टि का भार शिवजी को सौंपकर विश्राम करने जाते हैं। इस महीने के अंतिम दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाता है। इन दिन महर्षि वेदव्यास की स्मृति में अपने-अपने गुरुओं की पूजा की जाती है। ज्योतिषिय दृष्टिकोण से देखें तो इस महीने में पांच बुधवार का योग बन रहा है, जो कि शुभ नहीं है। साथ ही इस महीने में 5 ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होगा। ग्रहों के अशुभ योग और 5 बुधवार होने से देश में कई जगह उपद्रव की स्थिति बन सकती है और मौसमी बदलाव भी हो सकते हैं।

पांच बुधवार और ग्रहों के राशि परिवर्तन का असर
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार एक महीने में 5 बुधवार होना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा होने से देश में कुछ स्थानों पर हिंसा, आगजनी और उपद्रव की आशंका बनी रहती है। बुध का प्रभाव अधिक होने से इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के बिजनेस में तेजी आ सकती है। साथ ही खाद्य सामग्री की उपलब्धता अधिक हो सकती है। इससे व्यापार की मंदी खत्म होगी और बाजार में रौनक आएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, आषाढ़ मास में एक के बाद एक लगातार 5 ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे या इनकी चाल में बदलाव आएगा। ये ग्रह हैं सूर्य, शुक्र, मंगल, बुध और शनि। ग्रहों के राशि परिवर्तन और चाल बदलने से कुछ अशुभ योग बनेंगे, जिसके चलते प्राकृतिक आपदा आ सकती है।

5 बुधवार के अशुभ प्रभाव को ऐसे करें कम
ज्योतिषियों के अनुसार, आषाढ़ मास में 5 बुधवार होने से देश-दुनिया के साथ-साथ लोगों पर भी इसका अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा।  5 बुधवार का संयोग बनने के कारण ज्योतिषी इस महीने को विशेष मान रहे हैं। ऐसी स्थिति में बुध से जुड़ी चीजों का दान जरूर करना चाहिए। साथ ही अनुष्ठान व मंत्र जाप आदि भी कराए जा सकते हैं। आषाढ़ मास के प्रत्येक बुधवार को भगवान श्रीगणेश की पूजा करें और गाय को हरी घास खिलाने से हर तरह की मुश्किलें दूर हो सकती हैं। इसके अलावा साबूत मूंग का दान करें। किन्नरों को हरी साड़ी और हरी चूड़ियां दान करने से भी बुध से शुभ फल प्राप्त होने लगते हैं।

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