Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से, पहले दिन इस विधि से करें कलश स्थापना, जानिए शुभ मुहूर्त भी

धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का आरंभ होता है, जो नवमी तिथि तक रहती है। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरूआत 2 अप्रैल, सोमवार से होगी, जो 10 अप्रैल, रविवार तक रहेगी। इन 9 दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 21, 2022 1:41 PM IST

उज्जैन. चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) के 9 दिनों में भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास रखते हैं और अन्य तरीकों से भी माता की प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।  चैत्र नवरात्रि को बड़ी नवरात्रि भी कहा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन घट यानी कलश स्थापना की जाती है, साथ ही जवारे भी बोए जाते हैं। इसके बाद ही नवरात्रि उत्सव का प्रारंभ होता है। ऐसी मान्यता है कि इससे सुख-समृद्धि और धन लाभ के योग बनते हैं। आगे जानिए घट स्थापना की विधि और शुभ मुहूर्त...

ये भी पढ़ें- Rangpanchami 2022: रंगपंचमी 22 मार्च को, इस दिन करें राधा-कृष्ण की पूजा, जानिए क्यों मनाते हैं ये पर्व?

इस विधि से करें घट स्थापना…
- पवित्र स्थान की मिट्टी से वेदी बनाकर उसमें जौ, गेहूं बोएं। फिर उनके ऊपर तांबे या मिट्टी के कलश की स्थापना करें। कलश के ऊपर माता की मूर्ति या चित्र रखें।
- मूर्ति अगर कच्ची मिट्टी से बनी हो और उसके खंडित होने की संभावना हो तो उसके ऊपर उसके ऊपर शीशा लगा दें।
- मूर्ति न हो तो कलश पर स्वस्तिक बनाकर दुर्गाजी का चित्र पुस्तक तथा शालिग्राम को विराजित कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
- नवरात्रि व्रत के आरंभ में स्वस्तिक वाचन-शांतिपाठ करके संकल्प करें और सबसे पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा कर मातृका, लोकपाल, नवग्रह व वरुण का सविधि पूजन करें। फिर मुख्य मूर्ति की पूजा करें।
- दुर्गा देवी की पूजा में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की पूजा और श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ नौ दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- 23 मार्च को उदय होगा गुरु, शिक्षा के मामलों में होंगे बड़े बदलाव, इन 3 राशि वालों का शुरू हो सकता है बुरा समय

ये हैं घट स्थापना के शुभ मुहूर्त...
पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल को सुबह 11:53 से शुरू होगी, जो 2 अप्रैल को 11:58 बजे तक रहेगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल को सुबह 6.10 से 8.31 तक रहेगा। घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त इसी दिन दोपहर 12 से 12.50 तक रहेगा।

ये भी पढ़ें- कर्नाटक में गीता पर बवाल, इसके हर श्लोक में छिपा है परेशानियों का हल, ये हैं 5 लाइफ मैनजमेंट सूत्र
 

ध्यान रखें ये 4 बातें...
1.
नवरात्रि में माता दुर्गा के सामने नौ दिन तक अखंड ज्योत जलाई जाती है। यह अखंड ज्योत माता के प्रति आपकी अखंड आस्था का प्रतीक स्वरूप होती है। माता के सामने एक एक तेल व एक शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
2. मान्यता के अनुसार, मंत्र महोदधि (मंत्रों की शास्त्र पुस्तिका) के अनुसार दीपक या अग्नि के समक्ष किए गए जाप का साधक को हजार गुना फल प्राप्त हो है। कहा जाता है-
दीपम घृत युतम दक्षे, तेल युत: च वामत:।
अर्थात- घी का दीपक देवी के दाहिनी ओर तथा तेल वाला दीपक देवी के बाईं ओर रखना चाहिए।
3. अखंड ज्योत पूरे नौ दिनों तक जलती रहनी चाहिए। इसके लिए एक छोटे दीपक का प्रयोग करें। जब अखंड ज्योत में घी डालना हो, बत्ती ठीक करनी हो तो या गुल झाड़ना हो तो छोटा दीपक अखंड दीपक की लौ से जलाकर अलग रख लें।
4. यदि अखंड दीपक को ठीक करते हुए ज्योत बुझ जाती है तो छोटे दीपक की लौ से अखंड ज्योत पुन: जलाई जा सकती है। छोटे दीपक की लौ को घी में डूबोकर ही बुझाएं।

ये भी पढ़ें...

9 ग्रहों में से कौन-से ग्रह हमेशा टेढ़ी चाल चलते हैं और कौन-से ग्रहों की चाल में परिवर्तन होता रहता है?

काशी में जलती चिताओं के बीच मुर्दों की राख से खेली गई होली, इस परंपरा में छिपा है गहरा ‘रहस्य’?

23 फरवरी को अस्त हुआ था गुरु ग्रह, अब होने वाला है उदय, इन 4 राशि वालों को मिलेगा किस्मत का साथ

सूर्य पर पड़ रही है शनि की टेढ़ी नजर, अशुभ होता है ऐसा योग, 14 अप्रैल तक इन 4 राशि वालों को रहना होगा बचकर
 

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra: दलित के किचन Rahul Gandhi ने पकाया खाना, क्या खाकर हो गए परेशान?
Haryana Elections: हरियाणा के सीएम की रेस में कौन आगे? चर्चाओं में ये 5 नाम
Iran-Israel War: ईरान का टॉप मिलिट्री कमांडर लापता! क्या इजरायल ने इस्माइल कानी को भी कर दिया ढेर?
विटामिए ए की कमी से हो सकती हैं ये बीमारियां, कैसे करें बचाव #Shorts
Bigg Boss 18: कौन हैं 4 जोड़ी कपड़ा लेकर आए BJP के नेता Tajinder Pal Bagga, जूता कांड है मशहूर