महामृत्युंजय मंत्र के प्रभाव से टल जाता है हर संकट, 20 अप्रैल को शुभ योग में करें इसका जाप

इस बार 20 अप्रैल, सोमवार को त्रयोदशी तिथि होने से सोम प्रदोष का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Apr 19, 2020 6:32 PM IST

उज्जैन. वैसे तो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्रों का जाप किया जाता है, लेकिन सभी में महामृत्युजंय मंत्र का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है। लेकिन जाप करते समय अगर कुछ गलतियां हो जाएं तो इसका पूरा फल नहीं मिल पाता। जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

महामृत्युंजय मंत्र
ऊं हौं जूं सः ऊं भूर्भुवः स्वः ऊं त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्‍धनान् मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात् ऊं स्वः भुवः भूः ऊं सः जूं हौं ऊं

मंत्र जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें...
1.
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय तन यानी शरीर और मन बिल्कुल साफ होना चाहिए। यानी किसी तरह की गलत भावना मन में नहीं होनी चाहिए।
2. मंत्र का जाप उच्चारण ठीक ढंग से करना चाहिए। अगर स्वयं मंत्र न बोल पाएं तो किसी योग्य पंडित से भी इसका जाप करवाया जा सकता है।
3. मंत्र का जाप निश्चित संख्या में करना चाहिए। समय के साथ जाप संख्या बढ़ाई जा सकती है।
4. भगवान शिव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर अथवा महामृत्युंजय यंत्र के सामने ही इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
5. मंत्र जाप के दौरान पूरे समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
6. इस मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करना चाहिए। बिना आसन पर बैठ मंत्र जाप न करें।
7. इस मंत्र का जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। निर्धारित स्थान पर ही रोज मंत्र जाप करें।
 

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