आज (10 फरवरी, गुरुवार) गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) का अंतिम दिन है। इस दिन मुख्य रूप से देवी सिद्धदात्री की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग नवरात्रि के दौरान एक भी दिन देवी पूजा न कर पाए हो, वे यदि अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री (goddess siddhidatri) की पूजा कर लें तो भी उनकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
उज्जैन. शास्त्रों के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व नामक आठ सिद्धियां हैं। ये सभी सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की आराधना से प्राप्त की जा सकती हैं। मां सिद्धिदात्री (goddess siddhidatri) कमल पुष्प पर आसीन होती हैं, हालांकि इनका भी वाहन सिंह है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा में गदा और दूसरी भुजा में चक्र है। बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है। इस विधि से देवी सिद्धदात्री की पूजा…
पूजा विधि
सबसे पहले चौकी (बाजोट) पर माता सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा माता सिद्धिदात्री सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें।
इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। इसके बाद प्रसाद वितरण कर कन्या पूजन करें। पूजन के बाद माता के ध्यान मंत्र का जाप करना शुभ फल देने वाला माना गया है।
मंत्र
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥
ये उपाय भी करें
1. देवी पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को कपड़े, अनाज, भोजन आदि चीजों का दान करें। गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन दान का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
2. दुर्गा सप्तशती में अलग-अलग इच्छाओं की पूर्ति के लिए मंत्र बताए गए हैं। गुप्त नवरात्रि की रात में अपनी मनोकामना अनुसार देवी मंत्रों का जाप करें। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
3. धन लाभ के लिए 10 साल से कम उम्र की लड़कियों को घर बुलाकर भोजन करवाएं और उन्हें कुछ उपहार भी दें। इससे धन लाभ के योग बन सकते हैं।
4. अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाओं को चूड़ी, सिंदूर आदि चीजें भेंट करें और देवी पार्वती को लाल चुनरी चढ़ाएं।
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