सार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनिदेव को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लगता है। इस साल 29 अप्रैल को शनि राशि परिवर्तन करेंगे।

उज्जैन. शनिदेव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि का राशि परिवर्तन और नक्षत्र परिवर्तन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि के कुंभ राशि में परिवर्तन से पहले नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है, जिसका प्रभाव सभी राशियों का लोगों पर पड़ने वाला है। सभी 12 राशियों में से 4 राशियों के लोगों पर शनि के नक्षत्र परिवर्तन का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा।

शनिदेव का नक्षत्र परिवर्तन
ज्योतिषीय गणना के अनुसार शनिदेव इस समय श्रावण नक्षत्र में है। शनिदेव ने इस नक्षत्र में बीते 22 जनवरी 2021 को प्रवेश किया था। और अब शनिदेव 18 फरवरी को धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार इस नक्षत्र में शनिदेव 15 मार्च 2023 तक रहेंगे। हालांकि इसके पहले अप्रैल 2022 में शनिदेव राशि परिवर्तन भी करेंगे।

धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी हैं मंगल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगलदेव हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के पहले दो चरण में पैदा होने वाले शिशु की जन्म राशि मकर और अंतिम चरण में पैदा होने वाले शिशु की राशि कुंभ होती है। इसी के साथ इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले शिशु पर मंगल और शनिदेव दोनों का ही प्रभाव रहता है। ऐसे में शनि के नक्षत्र परिवर्तन से कुछ राशि के लोगों पर विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

इन 4 राशि वालों को होगा फायदा
ज्योतिषियों के अनुसार, शनि के नक्षत्र परिवर्तन से जिन राशियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, वे राशियां हैं- मेष, वृश्चिक, मकर और कुंभ। इन चारों राशि के लोगों को शनि से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इनमें से मकर और कुंभ राशि के स्वामी तो स्वयं शनिदेव ही हैं। शनि के नक्षत्र परिवर्तन से इन चारों राशि वालों को धन लाभ, नौकरी में प्रमोशन, बिजनेस में फायदा आदि फायदे हो सकते हैं। अगर इन राशि के लोगों की कोई योजना लंबे समय से अटकी है तो वो इस समय पूरी हो सकती है। साथ ही उस योजना में शासन-प्रशासन का भी पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा।