Mahashivratri 2022: ग्रहों के दोष से होती हैं ये बीमारियां, महाशिवरात्रि पर ये उपाय करने से मिल सकती है राहत

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 1 मार्च, मंगलवार को है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो ग्रहों से संबंधित दोष और बीमारियों से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार, जन्म कुंडली में कुछ ग्रह अशुभ स्थिति में भी होते हैं। इनका सीधा असर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ग्रहों की अशुभ स्थिति को देखते हुए यदि महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) पर शिवजी का अभिषेक अलग-अलग चीजों से किया जाए तो इससे ग्रहों के दोष तो दूर होंगे ही साथ ही स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। जानिए किस ग्रह के कारण कौन-सा रोग हो सकता है और उससे बचने के लिए शिवलिंग का अभिषेक किस चीज से करें…

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1. जन्म कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में होने से स्कीन, दांत व कफ से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय- विधारा की बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।

2. जन्म कुंडली में शुक्र कमजोर होने पर यौन संक्रमण, कमजोरी व शीत से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय- पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।

3. जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में होने पर हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, आंखों की समस्या व कमजोरी रहती है।
उपाय- रोज जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

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4. जन्म कुंडली में चंद्र नीच का होने से सर्दी, अस्थमा व आंखों से संबंधित समस्याएं होती हैं। 
उपाय- कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।

5. जन्म कुंडली में शनि नीच का होने से अस्थमा, खांसी व घुटनों से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
उपाय- गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।

6. जन्म कुंडली में राहु कमजोर होने से डिप्रेशन, बुखार व दुर्घटना होने की संभावनाएं रहती हैं। 
उपाय- भांग या नागकेसर से शिवलिंग का अभिषेक करें।

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7. जन्म कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में होने से शुगर, कान व गुप्तांग से संबंधित रोग होते हैं।
उपाय- सरसों के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

8. जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में होने से खून व पेट से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय- गिलोय (औषधि) की बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।

9. जन्म कुंडली में गुरु नीच का होने से पेट व फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने की आशंका रहती है। 
उपाय- दूध में पीले फूल मिला कर शिवलिंग का अभिषेक करें।

 

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