Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर ये 12 नाम बोलकर दें सूर्य को अर्घ्य, चमक उठेगा भाग्य

Published : Jan 13, 2023, 10:05 AM IST
Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर ये 12 नाम बोलकर दें सूर्य को अर्घ्य, चमक उठेगा भाग्य

सार

Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। ऐसा होता है खर मास समाप्त हो जाता है। इस दिन को दान-जप और उपायों के लिए बहुत ही खास माना जाता है।  

उज्जैन. इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। सूर्यदेव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो पंचदेवों में भी शामिल हैं और नवग्रहों में भी। सूर्यदेव को साक्षात देवता कहा जाता है यानी जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) पर सूर्यदेव की पूजा करने से कई तरह की परेशानियां अपने आप ही दूर हो जाती हैं। ये उपाय बहुत ही आसान हैं। इस मौके पर यदि सूर्य के 12 नाम बोलकर अर्घ्य दिया जाए तो बहुत ही शुभ होता है। आगे जानिए कौन-से हैं सूर्य के 12 नाम और अर्घ्य देने की संपूर्ण विधि…

मकर संक्रांति पर इस विधि से दें सूर्य को अर्घ्य
मकर संक्रांति पर सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरें। इसमें चावल, कुमकुम और लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य देते समय सूर्य के 12 मंत्रों का जाप करना चाहिए…
- ऊं मित्राय नमः
- ऊं रवये नमः
- ऊं सूर्याय नमः
- ऊं भानवे नमः
- ऊं खगाय नमः
- ऊं पूष्णे नमः
- ऊं हिरण्यगर्भाय नमः
- ऊं आदित्याय नमः
- ऊं सवित्रे नमः
- ऊं अर्काय नमः
- ऊं भास्कराय नमः
- ऊं सूर्यनारायणाय नमः

अर्घ्य देते समय इन बातों का रखें ध्यान…
- सूर्य देव को अर्घ्य देते समय मन का शांत रखें, किसी अन्य तरह का कोई विचार मन में न लाएं और पूरी तरह से सूर्यदेव का स्मरण करें।
- अर्घ्य इस प्रकार दें कि जल की धारा में से सूर्य का प्रकाश आपको दिखाई दे। सीधे सूर्यदेव की ओर न देखें। जल धारा के बीच से निकला प्रकाश सेहत के लिए फायेदमंद माना गया है। 
- अर्घ्य देने के बाद जमीन पर गिरे पानी को अपने माथे पर लगाना चाहिए। जल ऐसी जगह चढ़ाना चाहिए, जहां जमीन पर गिरे जल पर किसी व्यक्ति के पैर न लगे।
- इस तरह जो व्यक्ति मकर संक्रांति पर 12 नाम बोलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और सेहत भी ठीक रहती है।


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