Sawan Pradosh Vrat 2022: 9 अगस्त को शुभ योग में करें ये उपाय, महाकाल करेंगे मंगल ही मंगल

प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत (Mangal Pradosh 2022) किया जाता है। इस बार 9 अगस्त, मंगलवार को श्रावण शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी होने से मंगल प्रदोष प्रदोष व्रत किया जाएगा।

Manish Meharele | Published : Aug 8, 2022 1:40 PM IST

उज्जैन. 9 अगस्त, मंगलवार को श्रावण शुक्ल त्रयोदशी तिथि होने से ये मंगल प्रदोष कहलाएगा। ये व्रत इसलिए भी खास है क्योंकि ये सावन 2022 का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत है। इसके बाद सावन में प्रदोष व्रत का संयोग अगले साल यानी 2023 में बनेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन अगर कुछ खास उपाय ((Mangal Pradosh Ke Upay) किए जाएं तो महादेव की कृपा हम पर बनी रहती है। आगे जानिए इस दिन कौन-से उपाय करने से क्या फल मिलता है…

शिवजी का अभिषेक विभिन्न रसों से करें
भगवान शिव का अभिषेक अलग-अलग चीजों से करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। शिवपुराण के अनुसार, तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है। शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है। अच्छी सेहत के लिए गाय के शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करें।

इन फूलों से करें शिवजी की पूजा
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को बेला के फूल चढ़ाने से सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है। जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा की जाए तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। शिवजी को हरसिंगार के फूल चढ़ोन से सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है। धतूरा भगवान शिव को अति प्रिय है, ये चढ़ाने से योग्य पुत्र प्राप्त होता है, जो कुल का नाम रौशन करता है।

बिल्व वृक्ष की पूजा करें
धर्म ग्रंथों में बिल्व वृक्ष को साक्षात शिव का ही स्वरूप कहा गया है। इसकी जड़ में देवी लक्ष्मी का स्थान माना गया है। मंगल प्रदोष के शुभ योग में शाम के समय बिल्व वृक्ष के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ऐसे करने से शिवजी को प्रसन्न होते ही हैं साथ ही देवी लक्ष्मी की कृपा भी हम पर बनी रहती है।

कर्ज मुक्ति के लिए ये उपाय करें
मंगलवार को प्रदोष व्रत करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसके लिए विधि-विधान से शिवजी की पूजा और व्रत करें। मंगल प्रदोष से जुड़ी कथा पढ़ें ये सुनें। कोई बुरे विचार मन में न लाएं और पूरी तरह सात्विकता का पालन करें। ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को दान भी करें। 


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