मातृ नवमी श्राद्ध 19 सितंबर को: जानें क्यों खास है ये तिथि? ये 5 उपाय करने से दूर होंगी परेशानियां

Matru Navami Shradh 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी श्राद्ध किया जाता है। इस बार ये तिथि 19 सितंबर, सोमवार को है। इस दिन मुख्य रूप से सुहागिन अवस्था में मृत हुई महिलाओं का श्राद्ध किया जाता है।
 

Manish Meharele | / Updated: Sep 19 2022, 06:00 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष  के 16 दिनों में परिवार के मृत लोगों का श्राद्ध कर्म मृत्यु तिथि के आधार पर किया जाता है। लेकिन मृत परिजनों की मृत्यु तिथि याद न रहने पर कुछ विशेष तिथियों पर संबंधित परिजन का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, यदि परिवार में किसी महिला की मृत्यु सुहागिन अवस्था में हुई हो तो और उसकी मृत्यु तिथि मालूम न हो तो उसका श्राद्ध पितृ पक्ष की नवमी तिथि  पर कर सकते हैं, इसे मातृ नवमी श्राद्ध (Matru Navami Shradh 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 19 सितंबर, सोमवार को है। साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपाय भी करना चाहिए। जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके। ये उपाय इस प्रकार हैं…

उपाय- 1
मातृ नवमी तिथि पर सुहागिन ब्राह्मण स्त्री को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। श्राद्ध की विधि पूरी होने के बाद उस महिला को उसकी रूचि के अनुसार भोजन करवाएं। इसके बाद महिला को सुहाग की सामग्री जैसे कुंकुम, टिकी, मेहंदी के साथ लाल वस्त्रों का दान करें। साथ ही दक्षिणा यानी कुछ पैसे भी अवश्य दें। 

उपाय-2
अगर घर पर को सुहागिन ब्राह्मण महिला न आए तो पुत्री या बहन को भी उसके स्थान पर आमंत्रित करें और उसे सुहाग की सामग्री भेंट करें। ऐसा भी अगर न हो पाए तो घर आस-पास रहने वाली किसी सुहागिन ब्राह्मण महिला को कच्ची भोजन सामग्री जिसमें तेल, घी, दाल, चावल, आदि चीजें शामिल हों, देकर आएं। साथ ही सुहाग की सामग्री भी भेंट करें।

उपाय- 3 
अगर किसी कारणवश आप विधि-विधान ससे श्राद्ध कर पाने में असमर्थ हैं तो नवमी तिथि पर दोपहर 12 बजे से पहले जलते हुए कंडे (उपले) पर पर घी-गुड़ की आहुति दें और बोलें- ऊं मातृ देवताभ्यो नम:। ऐसा 5 बार करें। इसके बाद हाथ में जल लेकर अंगूठे के माध्यम से जमीन पर छोड़े दें और मृतक की आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करें।

उपाय-4
संभव हो तो इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाएं। साथ ही महिलाओं को कुछ वस्त्र आदि का भी दान करें। इस दिन सुबह किसी नदी या तालाब में स्नान करें और सूर्यदेवता को अर्घ्य देते हुए मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करें।

उपाय-5
श्राद्ध की नवमी तिथि पर परिवार की बुजुर्ग महिलाओं के पैर चूकर आशीर्वाद लें और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार कुछ उपहार भेंट करें। साथ ही इस दिन विवाहित बहन और बेटी को घर पर सपरिवार भोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें भी वस्त्र आदि देकर ससम्मान विदा करें।  


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