Mohini Ekadashi Upay: धन लाभ के लिए विष्णुजी के साथ करें देवी लक्ष्मी का भी अभिषेक, जानिए ऐसे ही 5 उपाय

हिंदू धर्म में अनेक तिथियों को बहुत विशेष माना गया है जैसे पूर्णिमा, अमावस्या, चतुर्दशी आदि। इन सभी तिथियों में एकादशी का भी विशेष महत्व है। इसे भगवान विष्णु की प्रिय तिथि माना जाता है।

Manish Meharele | Published : May 11, 2022 8:28 AM IST

उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि महीने के दोनों पक्षों में आती है। इस प्रकार एक महीने में 24 एकादशी तिथि होती है। इनमें से हर एकादशी की व्रत विधि, कथा और महत्व अलग-अलग है। इसी क्रम में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 12 मई, गुरुवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में अवतार लेकर देवताओं को अमृत पिलाया था। उज्जैन के ज्योतषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो सकती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में… 

1. मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी विधि-विधान से पूजा करें और गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। देवी लक्ष्मी के लाल वस्त्र और भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें। इस उपाय से धन लाभ के योग बन सकते हैं।
2. भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का अभिषेक केसर मिश्रित दूध से करें। अभिषेक करते समय देवी लक्ष्मी के द्वादशनाम स्त्रोत का पाठ भी करते रहें। इन स्त्रोत में देवी लक्ष्मी के 12 नामों के महत्व बताया गया है। ये उपाय करने से सभी तरह की चल-अचल धन-संपत्ति का फायदा होने के योग बनते हैं।
3. मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के किसी मंदिर में जाएं और वहां केसरिया ध्वज का दान करें। साथ ही पुजारी को पीली धोती के साथ पीले फल, केसरिया मिठाई आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं। 
4. मोहिनी एकादशी पर तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। एकादशी की शाम को तुलसी  के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। इसके बाद तुलसी की माता से इस मंत्र का 108 बार जाप करें-
ऊँ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।।
5.
मोहिनी एकादशी वैशाख मास में आती है। इस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है। इस एकादशी पर प्यासे लोगों और पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और हर तरह का संकट भी दूर होता है।

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