Pitru Dosh Upay: कैसे बनता है पितृ दोष, क्या है इसके संकेत? जानें इसके अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय

Pitru Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के दोष बताए गए हैं। पितृ दोष भी इनमें से एक है। जिसकी कुंडली में पितृ दोष होता है, उसे अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
 

Manish Meharele | / Updated: Sep 10 2022, 06:00 AM IST

उज्जैन. भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक का समय श्राद्ध पक्ष कहलाता है। इसे पितृ पक्ष (Pitru Dosh 2022) भी कहते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha 2022) 10 से 25 सितंबर तक रहेगा। पितृ दोष से संबंधित उपाय (Pitru Dosh Upay) करने के लिए श्राद्ध पक्ष बहुत ही उपयुक्त समय माना जाता है। मान्यता अनुसार इसी समय पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पितृ दोष क्या है, ये कब बनता है और किन उपायों से इसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है, इसकी जानकारी इस प्रकार है…

कैसे बनता है पितृ दोष? 
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में नवम भाव में राहु या केतु स्थित हो तो व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित माना जाता है। पितृ दोष का अर्थ है कि आपके पितरों की कोई इच्छा अधूरी है और वे पूजा आदि की आशा आपसे रखते हैं। जिसकी कुंडली में पितृ दोष होता है, उसे अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ये हैं पितृ दोष के संकेत
1.
पितृ दोष के कारण संतान होने में समस्याएं आती हैं या संतान नहीं होती। संतान हो जाए तो उनमें से अधिक समय तक जीवित नहीं रहती।
2. जिन्हें पितृ दोष होता है, उनके पास धन की कमी रहती है। अगर वे पैसा एकत्र भी कर ले तो उसका उपभोग नहीं कर पाते।
3. पितृ दोष की वजह से शादी होने में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। कुछ लोगों को शादी भी नहीं होती।
4. अगर बार-बार व लंबे समय तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटना पड़े तो ये भी पितृ दोष का कारण हो सकता है।
5. पितृ दोष गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है। ऐसे लोग जल्दी ठीक नहीं हो पाते।

ये हैं पितृ दोष के आसान उपाय
1.
पितृ दोष के उपाय के लिए श्राद्ध पक्ष को बहुत ही उपयुक्त समय माना गया है। इस दौरान यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो इसके अशुभ फल का प्रभाव कुछ कम हो सकता है। इसके लिए श्राद्ध पक्ष के दौरान भूखों को भोजन करवाएं व ब्राह्मणों को दान दें।
2. अगर पैसों के अभाव में आज श्राद्ध नहीं कर सकते तो किसी नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें। इससे भी पितृ दोष में कमी आती है। ये बहुत ही आसान उपाय है, जो कोई भी कर सकता है।
3. धर्म ग्रंथों के अनुसार, पितृ कर्म में तिल का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
4. श्राद्ध पक्ष में पितरों को याद कर गाय को चारा खिलाएं। कौए के लिए छत पर भोजन रखें। चीटिंयों के लिए शक्कर मिश्रित आटा कच्ची जमीन पर डालें। मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। इन छोटे-छोटे उपायों से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
5. अगर किसी के पास बिल्कुल न धन न हो तो वह सूर्य को जल देकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। इससे भी पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

 

ये भी पढ़ें-

Shraddha Paksha 2022: कब से कब तक रहेगा पितृ पक्ष, मृत्यु तिथि पता न हो तो किस दिन करें श्राद्ध?

Shraddha Paksha 2022: 10 से 25 सितंबर तक रहेगा पितृ पक्ष, कौन-सी तिथि पर किसका श्राद्ध करें?

Shraddha Paksha 2022: श्राद्ध का पहला अधिकार पुत्र को, अगर वह न हो तो कौन कर सकता है पिंडदान?
 

Share this article
click me!