Putrada Ekadashi 2022: पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त को, जानिए इस बार क्यों इतनी खास है ये तिथि?

Published : Aug 07, 2022, 01:44 PM ISTUpdated : Aug 08, 2022, 09:50 AM IST
Putrada Ekadashi 2022: पुत्रदा एकादशी 8 अगस्त को, जानिए इस बार क्यों इतनी खास है ये तिथि?

सार

धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2022) कहते हैं। कुछ ग्रंथों में इसे पवित्रा एकादशी भी कहा गया है। इस बार ये तिथि 8 अगस्त, सोमवार को है

उज्जैन.  धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण शुक्ल एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस बार ये एकादशी 8 अगस्त को है। साथ ही इस दिन सावन 2022 का अंतिम सोमवार भी है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन रवि और पद्म नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे, जिसके चलते इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। इन शुभ योगों में की गई पूजा मनोकामना पूरी करती है। 8 अगस्त को एकादशी और सावन का अंतिम सोमवार होने से ये दिन भगवान शिव और विष्णु दोनों की पूजा के लिए खास है। जानिए पुत्रदा एकादशी व्रत से जुड़ी कुछ खास मान्यताएं...

साल में दो बार आती है पुत्रदा एकादशी
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है, इस तरह एक साल में 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं। इनमें से सिर्फ हर एकादशी का अपना अलग नाम और महत्व है। पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार किया जाता है। पहला सावन मास के शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार पौष महीने के शुक्ल पक्ष में।

संतान सुख के लिए किया जाता है ये व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिन लोगों को संतान की इच्छा हो, उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें योग्य और स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। इसीलिए इस एकादशी का नाम पुत्रदा एकादशी रखा गया है। इस व्रत से जुड़ी कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक प्रतापी राजा को इसी व्रत के फल से संतान की प्राप्ति हुई थी।

धन लाभ के लिए देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें
ज्योतिषियों के अनुसार एकादशी तिथि पर अगर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा भी की जाए तो धन लाभ के योग बनने लगते हैं। इस दिन विष्णु-लक्ष्मी प्रतिमा का अभिषेक दूध के दूध से करें, उसमें थोड़ी सी केसर भी मिला दें। अभिषेक करते समय ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस उपाय से जल्दी ही धन लाभ के योग बन सकते हैं।

शिवजी के साथ विष्णुजी की भी पूजा भी करें
इस बार पुत्रदा एकादशी पर सावन का अंतिम सोमवार भी है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और शिवजी का संयुक्त रूप से पूजन करना चाहिए। भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और शिवजी को भांग का। भगवान शिवजी को आंकड़े के फूल, बिल्व पत्र आदि चढ़ाएं और विष्णुजी को पीले वस्त्र औ पीले फूल आदि। इस तरह दोनों देवताओं की पूजा करने हर परेशानी दूर हो सकती है।


ये भी करें-

Sawan 2022: 8 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार, जानिए शिवजी को क्या भोग लगाएं और कौन-से उपाय करें?


Janmashtami Date 2022: इस बार जन्माष्टमी पर नहीं रहेगा रोहिणी नक्षत्र, कब मनाएं ये पर्व, 18 या 19 अगस्त को?

Rakshabandhan 2022: भाई की कलाई पर बांधें ये खास राखियां, इससे दूर हो सकती है उसकी लाइफ की हर परेशानी
 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 8 दिसंबर 2025: आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र? जानें दिन भर के मुहूर्त की डिटेल
Rukmini Ashtami 2025: कब है रुक्मिणी अष्टमी, 11 या 12 दिसंबर?