
उज्जैन. इस बार भगवान शिव का प्रिय सावन मास 14 जुलाई से शुरू हो चुका है जो 11 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-पाठ आदि भी की जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस महीने में अगर कुछ खास उपाय (Sawan 2022 Ke Upay) किए जाएं तो ग्रहों से संबंधित अशुभ फलों से भी बचा जा सकता है। ये उपाय बहुत ही आसान हैं। अगर आपकी कुंडली में भी कोई ग्रह कमजोर स्थिति में है तो उससे शुभ फल पाने के लिए आगे बताए गए उपाय करें…
बुध कमजोर हो तो…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुध ग्रह वाणी और बुद्धि का कारक है। ये ग्रह अगर अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति कम होती है, ऐसा व्यक्ति अक्सर गलत निर्णय लेता है। पढ़ाई में भी उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दांत और कफ से संबंधित बीमारियां भी होती हैं
उपाय- जिन लोगों की कुंडली में बुध अशुभ हो वे सावन मास में विधारा (एक प्रकार की जड़ीबूटी) के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।
शुक्र कमजोर हो तो…
जिन लोगों की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो उन्हें अपने जीवन में पैसों से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी समस्याएं आती हैं। शुक्र कमजोर होने पर यौन संक्रमण, कमजोरी व शीत (ठंडक) से संबंधित बीमारियां होने का भय बना रहता है।
उपाय- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र अशुभ हो वे सावन मास में पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
सूर्य कमजोर हो तो…
जिन लोगों की जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में होता है उन्हें अपने जीवन में कई बार अपमान का सामना करना पड़ता है। पिता के साथ उनका विवाद होता है। सफलता पाने के लिए उन्हें जीवन भर संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, आंखों की समस्या व कमजोरी रहती है।
उपाय- जिन लोगों को कुंडली में सूर्य कमजोर हो वे सावन में रोज स्वच्छ जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
चंद्रमा अशुभ हो तो…
जन्म कुंडली में चंद्र नीच का यानी कमजोर हो तो ऐसे लोगों को मानसिक समस्या हो सकती है। नींद नहीं आती। अस्थमा व आंखों से संबंधित परेशानी भी होती हैं। माता का सुख और सहयोग नहीं मिलता। अज्ञात भय हमेशा बना रहता है।
उपाय- ऐसे लोग कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर सावन में शिवलिंग का अभिषेक करें।
शनि कमजोर हो तो…
जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि नीच का यानी कमजोर हो तो इन्हें अपने जीवन में हर कदम पर संघर्ष करना पड़ता है। पैसों की तंगी बनी रहती है। परिवार से कोई सहयोग नहीं मिलता। बहुत मेहनत के बाद थोड़ी सफलता मिलती है।अस्थमा, खांसी व घुटनों से जुड़ी समस्याएं बनी रहती है।
उपाय- शनि से संबंधित शुभ फल पाने के लिए सावन में गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।
राहु अशुभ हो तो…
जन्म कुंडली में राहु कमजोर हो तो ऐसा व्यक्ति गलत संगत में पड़कर नशा का आदि हो सकता है। इनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ सकता है। डरावने सपने आते हैं, पैसों की तंगी जीवनभर बनी रहती है। डिप्रेशन, बुखार व दुर्घटना होने की संभावनाएं भी बनी रहती हैं।
उपाय- राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सावन में भांग या नागकेसर से शिवलिंग का अभिषेक करें।
केतु कमजोर हो तो…
जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में हो ऐसे व्यक्ति को गलत आदतें लग जाती हैं। संतान होने में समस्या रहती है। पैसों की तंगी से परेशान रहते हैं। जीवन भर किसी न किसी समस्या में उलझे रहते हैं। शुगर, कान व गुप्तांग से संबंधित रोग होने की संभाबना बनी रहती है।
उपाय- केतु से शुभ फल पाने के लिए सावन के महीने में सरसों के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
मंगल अशुभ हो तो…
जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्ति को क्रोध अधिक आता है। भूमि-भवन से संबंधित विवादों में पैसा खर्च होता है। ऐसा व्यक्ति आतंकी और अत्याचारी हो जाता है। परिवार वाले भी ऐसे लोगों से परेशान रहते हैं। खून और पेट से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय- मंगल से शुभ फल पाने के लिए सावन में गिलोय (औषधि) की बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।
गुरु नीच स्थिति में हो तो…
जिन लोगों की जन्म कुंडली में गुरु नीच स्थिति में होता है, उनके विवाह में देरी होती है। ऐसे लोग अधार्मिक होते हैं। इन्हें अपने जीवन में पढ़ाई, नौकरी, दांपत्य जीवन तथा स्वास्थ्य से संबधित अनेक परेशानियां का सामना करना पड़ता है। इन्हें पेट व फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने की आशंका रहती है।
उपाय-गुरु से संबंधित शुभ फल पाने के लिए सावन मास में केसरयुक्त दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
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