Sawan Last Somwar 2022: 8 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार, जानिए शिवजी को क्या भोग लगाएं और कौन-से उपाय करें?

इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन मास (Sawan 2022: चल रहा है। वैसे तो ये पूरा महीना ही भगवान शिव को प्रिय है, लेकिन इस महीने में आने वाले सोमवार शिव पूजा के लिए बहुत खास माने जाते हैं।

Manish Meharele | Published : Aug 4, 2022 9:32 AM IST / Updated: Aug 07 2022, 05:15 PM IST

उज्जैन. इस बार 8 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार (Sawan 4th Somwar 2022 Date) है। इस दिन एकादशी तिथि का योग भी बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन रवि और पद्म नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस शुभ योगों में शिव पूजा से रोग, शोक और दोष खत्म हो जाते हैं। इस दिन प्रॉपर्टी संबंधी लेन-देन, निवेश और व्हीकल खरीदारी के लिए मुहूर्त रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए इस दिन कौन-से उपाय करने से क्या फल मिल सकता है…

शिव चालीसा का पाठ करें (Shiv Chalisa)
सावन के अंतिम सोमवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। ये पूजा अपने घर पर भी कर सकते हैं या अपने आस-पास स्थिति किसी मंदिर में भी। शिवजी की पूजा करने के बाद उसी स्थान पर बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें। इस दौरान शुद्ध घी का दीपक जलते रहना चाहिए। इस उपाय से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है।

भगवान शिव को इन चीजों का भोग लगाएं
सावन के अंतिम सोमवार भगवान शिव को कुछ खास चीजों का भोग लगाएं तो भी आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है। इस दिन भगवान शिव को गाय के दूध में भांग मिलाकर भोग लगाएं। इसके अलावा खीर का भोग भी लगा सकते हैं। चावल, शक्कर और दूध ये तीनों ही शुक्र से संबंधित हैं। शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव से ही जीवन में धन-दौलत और ऐशो-आराम मिलता है। खीर का भोग लगाने से शुक्र ग्रह बलवान होता है और इससे संबंधित शुभ मिलने लगते हैं।

शिवजी को चढ़ाएं एक मुट्ठी चावल
शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को अगर चावल अर्पित किए जाएं तो धन लाभ के योग बनने लगते हैं। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ये चावल टूटे हुए न हो। सावन के सोमवार को यदि एकमुखी रुद्राक्ष धारण किया जाए तो इससे भी पैसों से जुड़ी परेशानियां खत्म हो सकती हैं, ऐसा शिवपुराण में लिखा है। भगवान शिव को तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है और गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है। ये सभी उपाय भी शिवपुराण में ही बताए गए हैं।


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