
उज्जैन. हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता माना गया है। ये अष्टचिरंजीवियों में से एक हैं। यानी वे अमर हैं। हनुमानजी को अमरता का वरदान देवी सीता ने दिया था। सावन में भगवान के साथ हनुमानजी की भी पूजा करनी चाहिए। इसके लिए मंगलवार उत्तम दिन है। अब 10 और 17 अगस्त को सावन मास का मंगलवार रहेगा। ये दिन हनुमाजी की पूजा के लिए बहुत ही श्रेष्ठ हैं।
हनुमानजी की पूजा से नहीं रहता शत्रुओं का भय
सावन (Sawan 2021) महीने के मंगलवार को हनुमानजी (Hanuman) की आराधना करने से हर तरह की बीमारियां दूर हो जाती है। मानसिक और शरीरिक रुप से मजबूती मिलती है। हनुमानजी की कृपा से कामकाज में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। सोचे हुए काम पूरे होने लगते हैं। बुद्धि और वैभव बढ़ता है। शत्रु नष्ट हो जाते हैं और प्रसिद्धि मिलती है। इसलिए सावन के प्रत्येक मंगलवार को हनुमानजी की पूजा पूरे विधि-विधान से करना चाहिए।
हनुमानजी के 12 नामों का श्लोक
हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
इस विधि से करें हनुमानजी की पूजा
- मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर नहाएं। बिना कुछ खाए सुबह ही जल्दी हनुमान मंदिर जाएं। भगवान को प्रणाम कर के मन ही मन पूजा की अनुमति मांगे।
- इसके बाद अभिषेक और विशेष पूजा का संकल्प लें। पानी में गंगाजल मिलाकर रूद्र मंत्रों से हनुमानजी का अभिषेक करें।
- इसके बाद तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी की मूर्ति पर लेप लगाएं। फिर चंदन, अक्षत और अन्य सुगंधित सामग्री चढ़ाएं।
- इसके अलावा हनुमान जी को गुड़हल और मदार के फूल खासतौर से चढ़ाएं। गुड़-चने या अन्य मिठाई का भोग लगाएं।
- आखिरी में हनुमानजी के 12 नामों का जाप करें और हनुमत्कवच का पाठ करें। इस विधि से पूजा करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
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