ढाई साल बाद 29 अप्रैल को शनि ग्रह राशि परिवर्तन कर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। इसी के साथ मिथुन और तुला राशि पर से शनि की ढय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा और कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर ढय्या का असर दिखाई देने लगेगा। साथ ही मीन राशि पर शनि का साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। ऐसा होने से इन तीनों राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती हैं।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में शनि के अशुभ फल से बचने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं। रत्न धारण करना भी इनमें से एक है। शनि का रत्न नीलम है। ये रत्न बहुत ही जल्दी अपना प्रभाव दिखाता है। इसलिए इसे पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लेनी चाहिए, नहीं तो अशुभ फल भी भुगतने पड़ सकते हैं। आगे जानिए नीलम पहनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
नीलम पहनने से मिलते हैं ये शुभ संकेत
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों के लिए नीलम शुभ होता है, इसे पहनते ही उनके अटके हुए काम पूरे होने लगते हैं और जीवन में नए उत्साह का संचार होने लगता है।
2. नीलम पहनते ही अगर पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल जाए और सेहत में सुधार होने लगे तो समझ लीजिए ये रत्न आपके लिए सूटेबल है।
3. नीलम पहनते ही अगर आर्थिक लाभ यानी पैसों का फायदा मिलने लगे और नौकरी व बिजनेस में तरक्की होने लगे तो समझ लीजिए ये रत्न आपके लिए भाग्यशाली है।
4. नीलम पहनने के बाद दुर्घटनाएं टल जाना या नुकसान की स्थिति से बाहर निकलना इसी बात का संकेत होता है कि यह रत्न आपके लिए शुभ है।
ये हैं नीलम पहनने के अशुभ संकेत
1. नीलम पहनने के बाद अगर आपकी आंखों या पेट में तकलीफ होने लगे तो समझ लीजिए ये रत्न आपके लिए नहीं है।
2. नीलम पहनने के कुछ दिनों बाद ही अगर आपके साथ कोई बड़ी घटना-दुर्घटना हो जाए तो इस रत्न को न पहनना ही आपके लिए बेहतर रहेगा।
3. अगर आपने बिना किसी ज्योतिषिय सलाह के नीलम रत्न पहना और आपको नुकसान होने लगे तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस रत्न को तुरंत निकाल देना ही आपके लिए श्रेष्ठ रहेगा।
4. नीलम पहनने के बाद बुरे और डरावने सपने भी आ सकते हैं। जो इस बात का संकेत होते हैं कि आपके लिए ये रत्न शुभ नहीं है।
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