Sheetala Ashtami 2022: शीतला सप्तमी पर करें ये उपाय और मंत्र जाप, अच्छी रहेगी सेहत और बनी रहेगी खुशहाली

Published : Mar 24, 2022, 09:21 AM IST
Sheetala Ashtami 2022: शीतला सप्तमी पर करें ये उपाय और मंत्र जाप, अच्छी रहेगी सेहत और बनी रहेगी खुशहाली

सार

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को देवी शीतला की पूजा (Sheetla Puja 2022) की जाती है। इसे शीतला सप्तमी और अष्टमी कहा जाता है। इस बार शीतला सप्तमी 24 मार्च, गुरुवार (Sheetala Saptami 2022) को और शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2022) 25 मार्च, शुक्रवार को है।

उज्जैन. शीतला सप्तमी और अष्टमी पर शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए पूजा व व्रत किया जाता है। जो लोग देवी शीतला की पूजा करते हैं, वे इस दिन ठंडा भोजन यानी एक दिन पहले बनाया गया भोजन ही करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मान्यता है कि ऐसा करने से शीत (ठंड) से संबंधित बीमारियां नहीं होतीं। इस दिन देवी शीतला के मंत्र का जाप भी करना चाहिए। मंत्र और जाप की विधि व अन्य उपाय इस प्रकार है…

ये भी पढ़ें- हरियाणा में है शीतला माता का प्राचीन मंदिर, महाभारत काल से है इसका संबंध, नवरात्रि में लगता है मेला

इस विधि से करें मंत्र जाप और उपाय
1. शीतला सप्तमी या अष्टमी की सुबह स्नान आदि करने के बाद देवी शीतला का पूजा करें। कुंकुम, चावल, फूल आदि चीजें चढ़ाएं।
2. भोग के रूप में एक दिन पहले बनाया गया भोजन अर्पित करें। जल चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें कि शीतला माता की पूजा में दीपक नहीं जलाया जाता।
3. इसके बाद घर आकर किसी साफ स्थान पर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें-
वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्,
मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्।
4. सामने शीतला माता का चित्र हो तो शुभ रहेगा। इस मंत्र का कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।
5. मान्यता है कि ऋतु परिवर्तन के कारण इस समय बीमारियां होने की संभावना सबसे अधिक होती है। देवी शीतला की पूजा से शीत से संबंधित बीमारियां नहीं होती।

ये भी पढ़ें- Sheetala puja 2022: 24 और 25 मार्च को किया जाएगा शीतला माता का व्रत और पूजा, ये है विधि, मंत्र और महत्व

शीतला सप्तमी की कथा इस प्रकार है-
किसी गांव में एक महिला रहती थी। वह शीतला माता की भक्त थी तथा शीतला माता का व्रत करती थी। उसके गांव में और कोई भी शीतला माता की पूजा नहीं करता था। एक दिन उस गांव में किसी कारण से आग लग गई। उस आग में गांव की सभी झोपडिय़ां जल गई, लेकिन उस औरत की झोपड़ी सही-सलामत रही। सब लोगों ने उससे इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि मैं माता शीतला की पूजा करती हूं। इसलिए मेरा घर आग से सुरक्षित है। यह सुनकर गांव के अन्य लोग भी शीतला माता की पूजा करने लगे।

ये भी पढ़ें- Sheetala Saptami : शीतला अष्टमी 2022, शीतला माता की कहानी, शीतला सप्तमी कब है, क्यों करते हैं ठंडा भोजन
 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 7 दिसंबर 2025: 2 ग्रह बदलेंगे राशि, बनेंगे 4 शुभ योग, जानें राहुकाल का समय
Unique Temple: इस त्रिशूल में छिपे हैं अनेक रहस्य, इसके आगे वैज्ञानिक भी फेल, जानें कहां है ये?