मातृ नवमी 30 सितंबर को: करें विवाहित मृत महिलाओं का श्राद्ध और ये आसान उपाय, दूर होंगी परेशानियां

श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha 2021) के 16 दिनों में परिवार के मृत लोगों का श्राद्ध कर्म मृत्यु तिथि के आधार पर किया जाता है। लेकिन मृत परिजनों की मृत्यु तिथि याद न रहने पर कुछ विशेष तिथियों पर संबंधित परिजन का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।

Asianet News Hindi | Published : Sep 28, 2021 2:40 PM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, सुहागिन महिला की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो उसका श्राद्ध (Shradh Paksha 2021) पितृ पक्ष की नवमी तिथि ( इस बार 30 सितंबर, गुरुवार) पर कर सकते हैं। साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से सुहागिन अवस्था में मृत हुई महिलाओं की आत्मा को शांति मिल सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं…

1.
इस दिन किसी सुहागिन ब्राह्मण स्त्री को अपने घर पर ससम्मान भोजन पर बुलाएं। कुतप काल में श्राद्ध विधि संपन्न कर उस महिला को उसकी रूचि के अनुसार भोजन करवाएं। भोजन में खीर अवश्य होनी चाहिए। इसके बाद महिला को सुहाग की सामग्री जैसे कुंकुम, टिकी, मेहंदी के साथ लाल वस्त्रों का दान करना चाहिए। साथ ही दक्षिणा भी अवश्य दें।
2. अगर विधि-विधान से श्राद्ध (Shradh Paksha 2021) न कर पाएं तो अंगार (जलता हुआ कंडा) पर घी-गुड़ की आहुति दें और बोलें- ऊं मातृ देवताभ्यो नम:। साथ ही इस दिन गाय को हरा चारा भी खिलाएं और मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करें।
3. संभव हो तो इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाएं। साथ ही महिलाओं को कुछ वस्त्र आदि का भी दान करें।
4. अगर घर पर किसी सुहागिन ब्राह्मण महिला न आए तो उसके घर पर भोजन सामग्री जैसे तेल, घी, दाल, चावल, आदि चीजें भिजवाएं। साथ ही सुहाग की सामग्री भी।
5. इस दिन सुबह किसी नदी या तालाब में स्नान करें और सूर्यदेवता को अर्घ्य देते हुए मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करें।
6. श्राद्ध (Shradh Paksha 2021) की नवमी तिथि पर परिवार की बुजुर्ग महिलाओं के पैर चूकर आशीर्वाद लें और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार कुछ उपहार भेंट करें।
7. इस दिन विवाहित बहन और बेटी को घर पर सपरिवार भोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें भी वस्त्र आदि देकर ससम्मान विदा करें।  

श्राद्ध पक्ष के बारे में ये भी पढ़ें 

श्राद्ध के लिए प्रसिद्ध है हरिद्वार की नारायणी शिला, यहां पूजा करने से मिलती है पितृ दोष से मुक्ति

श्राद्ध में विशेष रूप से खीर क्यों बनाई जाती है, ब्राह्मणों को भोजन क्यों करवाया जाता है?

माता के श्राद्ध के लिए प्रसिद्ध है ये तीर्थ स्थान, यहां स्थित पीपल को कहते हैं मोक्ष पीपल

किन ग्रहों के कारण कुंडली में बनता है पितृ दोष, इससे क्या परेशानियां होती हैं? जानिए इसके उपाय 

उज्जैन के सिद्धनाथ घाट पर ऑनलाइन भी हो रहा पिंडदान, यहां स्थित वट वृक्ष को देवी पार्वती ने लगाया था

विवाहित महिला या दुर्घटना में मृत परिजन की मृत्यु तिथि पता न हो तो इस दिन करें श्राद्ध

Share this article
click me!