आज सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये 3 उपाय, इससे कम हो सकता है कालसर्प, पितृ और शनि दोष का प्रभाव

अगर कोई व्यक्ति अपने परिजनों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध न कर पाया हो तो वह सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) के दिन भी उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि कर्म कर सकता है। ऐसा करने से पितृ और कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 5, 2021 8:18 PM IST

उज्जैन. आज (6 अक्टूबर, बु‌धवार) आश्विन मास की अमावस्या है। ये पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है। सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या (Sarva Pitru Moksha Amavasya 2021) कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति अपने परिजनों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध न कर पाया हो तो वह इस दिन भी उनके निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि कर्म कर सकता है। ऐसा करने से पितृ और कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों में कमी आती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, ये अमावस्या बहुत ही विशेष मानी गई है। इस तिथि पर अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो कई तरह की परेशानियां खत्म हो सकती हैं। आगे जानिए इस दिन आप कौन-से उपाय कर सकते हैं…

कालसर्प दोष के उपाय (Remedies for Kaal Sarp Dosh)
यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसका उपाय करने के लिए अमावस्या तिथि उत्तम मानी जाती है। इस दिन किसी नदी में स्नान करने के पश्चात चांदी से निर्मित नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करनी चाहिए, इसके लिए किसी पुरोहित की सहायता लें। पूजा करने के बाद चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है।

पितृ दोष के उपाय (remedies for Pitra Dosh)
शास्त्रानुसार, अमावस्या पर दान-स्नान का बहुत महत्व माना गया है। इसलिए इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी, कुंड में स्नान करना चाहिए, और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और दान करें। इससे आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी। पूर्वजों को पिंड दान अर्पित करें और गरीबों को दान करें। कहते हैं कि ऐसा करने सा पूर्वजों को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है।

शनि दोष के उपाय (remedies for shani dosha)
अमावस्या तिथि पर शनिदेव की पूजा करने का महत्व भी माना गया है। अमावस्या के दिन आप शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा भी कर सकते हैं। दरअसल, अमावस्या के दिन को शनिदेव का दिन मानते हैं। इसलिए इस दिन शनिवदेव की पूजा का विशेष महत्व है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि ग्रह से जुड़ी चीजों को अवश्य दान करें।

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