स्कंद षष्ठी 19 अक्टूबर को, उत्तम संतान के लिए इस दिन करना चाहिए स्वामी कार्तिकेय की पूजा

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है।

उज्जैन. ये दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। इस बार ये पर्व 19 अक्टूबर, शनिवार को है। मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजा करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।

ये है व्रत का महत्व 
- स्कंद पुराण के नारद-श्री विष्णु संवाद के अनुसार संतान प्राप्ति और संतान की पीड़ाओं को दूर करने में यह व्रत बहुत सहायक माना गया है। 
- पौराणिक शास्त्रों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से जीवन में उच्च योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है।
- शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है। 
- इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से रोग, राग, दुःख और दरिद्रता का निवारण होता है। कार्तिकेय को स्कंद देव के अलावा मुरुगन, सुब्रमण्यम नामों से भी पूजा जाता हैं।
- पुराणों में वर्णन है कि भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी। 
- इस दिन ब्राह्मण भोज के साथ स्नान के बाद कंबल, गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। 
- साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में व अनेक नामों से की जाती है। अत: कार्तिक मास और षष्ठी पूजा-पाठ की दृष्टि से सर्वोत्तम है।
 

Latest Videos

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?