मई 2022 में इन 2 दिन करें भगवान विष्णु की पूजा और ये 3 उपाय, आपकी हर परेशानी हो सकती है दूर

इन दिनों वैशाख मास (Vaishakh month 2022) चल रहा है। ये हिंदू पंचांग का दूसरा महीना है। ये महीना भगवान विष्णु को अति प्रिय है, इसलिए इसे माधव मास भी कहा जाता है। वैशाख मास 16 मई, सोमवार तक रहेगा। इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण (lunar eclipse 2022) भी होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा।

Manish Meharele | Published : May 4, 2022 4:30 AM IST

उज्जैन. वैशाख महीने में अभी कई प्रमुख त्योहार मनाए जाना बाकी है उनें गंगा सप्तमी, मोहिनी एकादशी, नृसिंह चतुर्दशी आदि प्रमुख हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में इस महीने के प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए, इससे शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। वैशाख के 2 गुरुवार शेष हैं जो 5 और 12 मई को रहेंगे। इन दोनों गुरुवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए। विधि-विधान पूर्वक व्रत-पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आगे जानिए कैसे करें गुरुवार का व्रत…

वैशाख के गुरुवार को इस विधि से करें व्रत-पूजा
- वैशाख मास के गुरुवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद नहाने के पानी में गंगाजल या किसी अन्य पवित्र नदी का जल मिलाकर स्नान करें। इससे तीर्थ स्थान करने जितना पुण्य मिलता है।
- इसके बाद जैसे व्रत आप करना चाहें, वैसा संकल्प लें। ऐसा करने के बाद पानी में थोड़ा से गाय का दूध मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। अभिषेक किए गए जल में से थोड़ा सा खुद पीएं और बाकी जल पीपल या तुलसी में चढ़ा दें। 
- भगवान विष्णु की पंचोपचार (अबीर, गुलाल, रोली, कुंकुम, चावल) पूजा करें। फल-फूल चढ़ाएं। खीर का या अन्य किसी चीज का भोग लगाएं। अंत में आरती कर पूजा का समापन करें।

ये काम करने से भी मिलते हैं शुभ फल
1.
वैशाख मास के गुरुवार को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत-पूजा करने के साथ ही छोटे-छोटे उपाय भी कर सकते हैं, जैसे- गाय को घास खिलाएं। जरूरतमंद लोगों को अन्न-जल, छाता, सफेद कपड़े या जूते-चप्पल का दान करें। प्यासे लोगों के लिए पानी की व्यवस्था करें। 
2. वैशाख मास के गुरुवार को तुलसी को जल चढ़ाएं फिर शुद्ध घी का दीपक लगाकर परिक्रमा करें। संभव हो तो तुलसी नामाष्टक का पाठ भी करें।
3. वैसाख मास के गुरुवार को लोटे में पानी और ताजा दूध मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक भी लगाएं और पेड़ में भगवान विष्णु का ध्यान कर के प्रणाम करें।

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