Vastu Tips: दुर्भाग्य बढ़ाती हैं ऐसी लकड़ी से बनी देव प्रतिमाएं, भूलकर भी घर में न रखें

Vastu Tips: हर हिंदू परिवार में भगवान की मूर्तियां अवश्य होती है। ये सभी अलग-अलग धातुओं से बनी होती हैं। हमारे धर्म ग्रंथों में मूर्तियों के बारे में भी काफी कुछ बताया गया है। ये भी बताया गया है कि किन पेड़ों की लकड़ियों से बनी मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए। 
 

Manish Meharele | Published : Aug 22, 2022 12:25 PM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में 18 पुराण बताए गए हैं। इन सभी धर्म ग्रंथों में ऐसी अनेक बातों के बारे में बताया गया है जो हमारे जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित करती हैं। भविष्य पुराण भी एक ऐसा ही ग्रंथ हैं। इन ग्रंथ में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से संबंधित अनेक बातें बताई गई हैं। इसके अनुसार, देवी-देवताओं की मूर्ति का निर्माण 7 प्रकार की चीजों से किया जा सकता है, ये हैं सोना, चांदी, तांबा, पत्थर, मिट्टी, लकड़ी व चित्रलिखित यानी पेंटिंग। 

इन पेड़ों की लकड़ी से न बनवाएं भगवान की मूर्ति
भविष्य पुराण के अनुसार, अगर लकड़ी से देवताओं की मूर्ति बनानी हो तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुछ खास प्रकार के पेड़ या किसी विशेष स्थान पर लगे पेड़ों से देवताओं की मूर्ति नहीं बनानी चाहिए। इससे हमें अशुभ फल प्राप्त होते हैं और दुर्भाग्य बढ़ता है। वास्तु शास्त्र भी यही कहता है। आगे जानिए इन पेड़ों के बारे में…

दूध वाले वृक्ष 
जिन पेड़ों से दूध निकलता हो यानी जिनके पत्ते या शाखा तोड़ने पर सफेद और चिपचिपा द्रव्य निकलता है, ऐसे पेड़ की लकड़ी का उपयोग देवताओं की मूर्ति बनाने में नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में निगेटिव एनर्जी फैलती है। ऐसा ही एक पेड़ है बरगद।

वल्मीक वाले वृक्ष 
जिन पेड़ों के नीचे बांबी (सांप व चींटियों के रहने का स्थान हो, उससे भी मूर्ति नहीं बनवानी चाहिए। चूंकि ऐसे पेड़ वास्तु के अनुरूप नहीं माने गए हैं। इन पेड़ की लकड़ियों से बनी मूर्तियां शुभ फल देने में असमर्थ होती हैं। इसलिए इनका उपयोग देवताओं की प्रतिमा बनाने में नहीं करना चाहिए।

कमजोर वृक्ष
भविष्य पुराण के अनुसार, जिन पेड़ों को दीमक, चींटियों व अन्य पशु-पक्षियों ने खोखला कर दिया हो, उससे भी भगवान की मूर्ति नहीं बनवानी चाहिए। ऐसा करने से भी अशुभ फल मिलते हैं। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

श्मशान के वृक्ष 
यदि कोई पेड़ श्मशान में उगा हो तो उससे भी मूर्ति नहीं बनवानी चाहिए। ये अशुभ होता है। ऐसे पेड़ में बहुत अधिक निगेटिविटी होती है। जब इससे बनी मूर्ति घर में आती है तो वो अपने साथ निगेटिविटी लाती है और इसका अशुभ परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

पुत्रक या सूखा वृक्ष 
भविष्य पुराण के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने पुत्र के रूप में पौधा लगाया हो तो उसकी लकड़ी से भी मूर्ति नहीं बनवानी चाहिए। इससे अशुभ परिणाम भी मिलते हैं। ऐसे पेड़ जिनके आगे का भाग सूख गया हो या जिनकी एक दो ही शाखा बची हो, उससे भी मूर्ति न बनवाएं। जिस पेड़ पर पक्षी रहते हों व हवा, पानी, बिजली व जानवरों से दूषित पेड़ों का उपयोग भी देव प्रतिमा बनवाने में न करें।


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