Vat Purnima Ke Upay: वट पूर्णिमा पर करें इन 5 में से कोई 1 उपाय, घर-परिवार में बनी रहेगी खुशहाली

इस बार 14 जून, मंगलवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि है। इस वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये व्रत घर-परिवार की सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है।

उज्जैन. वट पूर्णिमा व्रत में मुख्य रूप से शिव-पार्वती, सावित्री-सत्यवान और वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इस दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का भी विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से ले आई थी। तभी से ये व्रत किया जा रहा है। इस दिन विवाहित महिलाएं कुछ विशेष उपाय करें तो परिवार में खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये उपाय बहुत ही आसान है, जिसे कोई भी महिला कर सकती है। आगे जानिए इस दिन कौन-से उपाय कर सकते हैं…

1. 14 जून, मंगलवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद वट (बरगद) वृक्ष की पूजा करें। वट वृक्ष पर चावल, कुंकुम, अबीर, गुलाल आदि चीजें चढ़ाएं। कच्चे सूत को 108 बार वटवृक्ष पर लपेटते हुए परिक्रमा करें। इसके बाद स्वच्छ जल चढ़ाएं और शुद्ध घी की दीपक भी लगाएं। इस प्रकार वट वृक्ष की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 

2. ज्योतिषियों के अनुसार, वट सावित्री व्रत बहुत ही शुभ फल देने वाला माना गया है। इस दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद समीप स्थित किसी शिव-पार्वती मंदिर में जाएं और शिवजी को सफेद सूती कपड़ा अर्पित करें और इसके बाद देवी पार्वती को लाल रंग का वस्त्र चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें ये दोनों कपड़े बिना इस्तेमाल किए हो यानी एकदम नए हों। शिव-पार्वती की पूजा करने के बाद इन दोनों कपड़ों का गठबंधन कर दें। इससे वैवाहिक जीवन की खुशियां बनी रहती है।

3. वट पूर्णिमा व्रत के दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का विशेष महत्व है। इस दिन किसी योग्य पंडित को घर बुलाकर इस कथा का पाठ करवाएं। आस-पड़ोस में रहने वाली महिलाओं को भी कथा सुनने के लिए बुलाएं। कथा समाप्ति के बाद पंडितजी को भोजन करवाएं और कपड़े, बर्तन आदि उचित दान -दक्षिणा देकर विदा करें।

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4. वट सावित्री व्रत के दिन 7 जरुरतमंद सुहागिन महिलाओं को कपड़े और सुहाग का सामान उपहार में दें। संभव को हो तो उन्हें भोजन भी करवाएं। ऐसा करने से आपके परिवार के सदस्यों में प्रेम बना रहेगा और किसी तरह की कोई समस्या भी नहीं आएगी।

5. 14 जून को पूर्णिमा तिथि होने से इस दिन जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन अपनी इच्छा अनुसार, कच्चा अनाज, सब्जियां, कपड़ें व अन्य चीजों का दान करें। ये उपाय आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकता है। इससे सभी तरह के दोष भी शांत होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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