सार
धर्म ग्रंथों के अनुसार, महीने की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। इस प्रकार एक साल में 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इन सभी का अलग-अलग महत्व है।
उज्जैन. पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा का संयोग जिस नक्षत्र से होता है, उसी के अनुसार, उस महीने का नाम रखा गया है। जैसे इस बार 14 जून, मंगलवार को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2022) है और इस दिन चंद्रमा भी ज्येष्ठ नक्षत्र में रहेगा। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर साध्य नाम का शुभ योग भी बन रहा है, जिसके चलते इस तिथि का महत्व भी बढ़ गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर कुछ खास उपाय (Jyeshtha Purnima Ke Upay) करने से धन लाभ के योग बनते हैं व अन्य मनोकामना भी पूरी हो सकती है। आगे जानिए ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर आप कौन-से उपाय कर सकते हैं…
ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा को लगाएं खीर का भोग
अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो पूर्णिमा तिथि की रात को चंद्रमा के उदय होने पर गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। इसके बाद इस खीर को परिवार के लोग मिल-बांटकर खाएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा रस यानी सभी तरह के द्रव्यों का स्वामी है। दूध भी रस ही है, इसलिए इस पर भी चंद्रमा का ही स्वामित्व है। मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा को खीर का भोग लगाने से धन संबंधित समस्याएं दूर होने लगती हैं।
धन लाभ के लिए तिजोरी में रखें ये चीजें
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर 11 कौड़ियां लेकर एक लाल कपड़े में बांधकर मंदिर में मां लक्ष्मी के चरणों में रख दें। इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें और कौड़ियों पर हल्दी या केसर से तिलक कर, इसे अपनी तिजोरी में रख दें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं। कौड़ी समुद्र से निकलती है और देवी लक्ष्मी भी समुद्र से उत्पन्न हुई है, इसलिए ऐसा माना जाता है कि कौड़ी में धन को अपनी ओर आकर्षित करने का प्राकृतिक गुण होता है।
पीपल में जल चढ़ाएं
ज्येष्ठ पूर्णिमा की सुबह पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद पीपल की परिक्रमा भी करें। धर्म ग्रंथों के अनुसार पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। पूर्णिमा तिथि पर पीपल की पूजा करने से देवताओं की कृपा तो मिलती ही है, साथ ही पितृों का आशीर्वाद भी मिलता है। इससे आपके जीवन की हर समस्याएं दूर हो सकती है।
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