
लखनऊ (Uttar Pradesh) । पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के लखनऊ और अमेठी स्थित घर से 11 लाख रुपए के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा ED को 5 लाख रुपए के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपए कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। बता दें कि एक दिन पहले एक साथ ईडी की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी की थी। इसके अलावा लखनऊ में विभूति खंड स्थित उनके के बेटे अनिल के ओमेक्स ऑफिस पर भी छापेमारी की गई थी। बताते है की एक टीम गायत्री प्रसाद प्रजापति के चालक रामराज उर्फ छोटू के भी घर छापेमारी की थी।
तीन करोड़ से अधिक की मिली थीं संपत्ति
वर्ष 2012-17 के दौरान मंत्री रहते हुए प्रजापति ने आय से छह गुना अधिक संपत्तियां बनाई थी। वैध स्रोतों से उनकी आय 50 लाख रुपए के करीबी थी, जबकि उनके पास तीन करोड़ से अधिक की संपत्तियां मिलीं थीं।
जेल में बंद है पिता-पुत्र
बता दें कि रेप के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल में बंद है, जबकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनका बड़ा बेटा अनिल भी जेल में बंद है। बताते चले कि इडी ने इस मामले में पूर्व मंत्री व उनके दोनों बेटों समेत कई लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है। बेटे अनिल पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के जरिए मोहनलालगंज में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं। कंपनी एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ में बड़ी खरीद की है। एमजे कॉलोनाइजर्स ने लखनऊ के मोहनलालगंज में 110 बीघा जमीन खरीदी, जिसमें एक बीघे जमीन की कीमत एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। गायत्री के बेटे पूछताछ के दौरान पुणे में महंगा रो-हाउस खरीदने की बात कबूली है।
ड्राइबर के नाम पर है 200 करोड़ की प्रापर्टी
खनन घोटाले में ईडी ने अगस्त 2019 में सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाकर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, बी.चंद्रकला समेत पांच आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जाता है कि चालक रामराज उर्फ छोटू के पास भी 200 करोड़ की प्रापर्टी है। बता दें कि जांच में 22 ऐसी बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी मिली थी, जो मंत्री रहते हुए प्रजापति ने अपने करीबियों के नाम पर खरीदी थी।
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