अधिवक्ता सहित 2 को फांसी की सजा, 24 साल पहले काटकर ले गए थे दादा की गर्दन और दोनों हाथ का अंगूठा


शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि घटना के बाद सबूत मिटाने के लिए आरोपी ने मृतक के सिर को तालाब में फेंक दिया था। जहां से पुलिस ने बरामद कर लिया था।

Ankur Shukla | Published : Feb 11, 2020 11:22 AM IST / Updated: Feb 11 2020, 05:25 PM IST

मऊ (Uttar Pradesh) । अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आदिल आफताब अहमद ने 24 साल पहले हुए हत्या के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जमीनी विवाद में अपने ही दादा की गर्दन और उनके दोनों हाथ का अंगूठे काटकर ले जाने के आरोपी अधिवक्ता पोते समेत दो लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। 

यह है पूरा मामला
यह मामला 12 मार्च 1996 के दोपहर 12 बजे रैकवारेडीह गांव है। वादी अपने बाबा दुबरी पांडेय के साथ गेहूं के खेत की सिंचाई करके लौट रहे थे कि पहले से खेत में छिपे आरोपी इंद्रासन पांडेय, राकेश पांडेय, मिथिलेश ऊर्फ दीपू व घनश्याम पांडेय निवासी रैकवारडीह तथा यशवंत चौबे निवासी बरवां थाना रानीपुर ने दुबरी को पकड़ लिए। उन्हे पटक कर राकेश पांडेय ने गर्दन व हाथ का अंगूठा काट कर अलग कर दिया। इसके बाद मृतक की गर्दन हाथ में लेकर उसने सबको आतंकित किया कि कोई गवाही न करें। इसके बाद वह दोनों अंगूठा भी लेकर चला गया।

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दो लोगों की हो चुकी है मौत
इस मामले में पांच लोगों को नामजद किया गया था, जिसमें आरोपी इंद्रासन पांडेय व घनश्याम पांडेय की मृत्यु हो चुकी है। उनका मामला अवेट हो गया। वहीं, एक अन्य नाबालिग आरोपी का केस किशोर बोर्ड को भेजा जा चुका है। 

तालाब में से किया था सिर बरामद
शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि घटना के बाद सबूत मिटाने के लिए आरोपी ने मृतक के सिर को तालाब में फेंक दिया था। जहां से पुलिस ने बरामद कर लिया था। 

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