मंदिर निर्माण से पहले 40 वैदिक विद्वानों ने शुरू किया गर्भगृह का शिलापूजन, CM योगी यजमान बनकर करेंगे पूजा

उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में गर्भगृह के शिलापूजन के पहले 40 वैदिक विद्वानों ने पांच दिवसीय अनुष्ठान शुरू कर दिया है। जिसके बाद एक जून को सीएम योगी यजमान बनकर पूजा करेंगे। रामलला का भव्य महल के बनने की शुरुआत एक जून से हो जाएगी।

Asianet News Hindi | Published : May 28, 2022 7:03 AM IST

अनुराग शुक्ला
अयोध्या:
श्री रामलला का भव्य महल के बनने की शुरुआत एक जून को हो जाएगी। इससे पहले निर्माण स्थल पर वैदिक ब्राह्मणों द्वारा पांच दिवसीय विशेष सर्वदेव अनुष्ठान 28 मई यानी शनिवार से शुरू हो गया है। इस पूजा के माध्यम से प्रमुख अनुष्ठान के पहले सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा रहा है। हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी रमेश दास बताते हैं कि किसी काम को करने के पहले सनातन धर्म में देवी देवताओं के पूजन-अर्चन के माध्यम से उन्हें प्रसन्न करने का कार्य किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार का अनुष्ठान होता है, जिससे किए जा रहे कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो। 

5 दिन लगातार दो सत्रों में होगा पाठ
रामलला का महल बनने के पहले शुरू हुआ विशेष अनुष्ठान प्रतिदिन दो सत्रों में चलेगा। यानी सुबह 8 से 11 बजे और दोपहर में 3 से 6:15 बजे तक कार्यक्रम निर्धारित है। इस विशेष अनुष्ठान के तहत रुद्री, दुर्गा, सप्तशती, विष्णु सहस्त्रनाम और चतुर्वेद के पाठ होंगे। जानकारी के मुताबिक अनुष्ठान को पूर्ण कराने के लिए राजस्थान से पंडित हितेश अवस्थी, सिद्धार्थनगर से उमेश ओझा, बंगाल से लीलाराम गौतम, दिल्ली के पवन शुक्ला, वाराणसी के रामजी मिश्रा, अयोध्या के दुर्गा प्रसाद, शिव शंकर,  रघुनाथ दास शास्त्री और प्रमोद शास्त्री सहित 40 विद्वान मौजूद रहेंगे। एक जून को सीएम योगी आदित्यनाथ डिप्टी, सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित संघ, विश्व हिंदू परिषद, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और बीजेपी सहित संतो-महंतों की उपस्थिति रहेगी।

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392 खंभों पर बनेगा श्रीरामलला का महल
श्रीराम लला का भव्य महल 392 पत्थर के खंभों पर बनेगा। इसकी तैयारी श्री राम जन्म भूमि न्यास ने 1990 में ही शुरू कर दी थी। पत्थरों को तराशने के लिए राम घाट पर एक कार्यशाला खोली गई और मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की नक्काशी शुरू हो गई थी। यह काम देश के जाने-माने आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा की देखरेख में शुरू हुआ था। अब रामलला के भक्तों की 500 वर्षों की प्रतीक्षा खत्म हो गई है। दिसंबर 2023 तक श्रीराम लला भव्य गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे।

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