राम मंदिर के आर्किटेक्ट और मेंसर्स सोमपुरा कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक निखिल सोमपुरा ने बताया पहले का राम मंदिर मॉडल (Ram mandir) और बाद का विस्तारित मॉडल दोनों ही उन्होंने बनाया है। अब तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नए मॉडल का विस्तार किया गया है।
अयोध्या: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच आयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर (ram mandir) का काम भी तेजी के साथ आगे बढ़ता जा रहा है। राममंदिर (ram mandir) तीन तल का बनना है। जिसमें 400 नक्काशीदार खंबे लगेंगे। मंदिर के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है। इसके मजबूती के लिए राफ्ट की ढलाई का काम भी अंतिम चरण में पंहुच चुका है। अब 14 दिनों के बाद नींव के तीसरे सुपर स्ट्रक्चर यानी प्लिंथ के निर्माण का काम शुरू होगा । इंजीनियर्स का दावा है, इस महीने के अंत तक सुपर स्ट्रक्चर के फर्स का काम पूरा हो जाएगा। राम मंदिर के आर्किटेक्ट और मेंसर्स सोमपुरा कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक निखिल सोमपुरा ने बताया पहले का राम मंदिर मॉडल (Ram mandir) और बाद का विस्तारित मॉडल दोनों ही उन्होंने बनाया है। अब तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नए मॉडल का विस्तार किया गया है। उन्होंने बताया आने वाले समय में पत्थरों की तराशी के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। उन्होंने बताया फरवरी से वह अयोध्या में ही कैम्प करेंगे।
विघ्नबाधा निवारण के लिए शुरू हुआ अनुष्ठान
रामलला के मंदिर को पूरा होने तक किसी प्रकार से विघ्नबाधा न आए इसलिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण पूरे होने तक परिसर में अनुष्ठान शुरू कर दिया है। बुधवार से सुबह 7 बजे से लेकर शाम को 7 बजे तक चलने वाले इस अनुष्ठान में श्री राम नाम अखंड संकीर्तन के अलावा 108 हनुमान चालीसा का पाठ एवं सुंदरकांड का पाठ अब निरंतर चलेगा। इसके लिए मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने संकल्प लेकर पूजा अनुष्ठान शुरू किया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर निर्माण पूरा होना ट्रस्ट का एकमात्र लक्ष्य है ।पूरे काम में किसी प्रकार की विघ्न बाधा ना पहुंचे इसलिए यह अनुष्ठान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा मंदिर निर्माण के लिए पता नहीं कितने महापुरुषों ने संघर्ष करके अपने प्राण त्याग दिए ।अब ईश्वर ने ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण कराने का मौका दिया है ।इसलिए दिन रात मेहनत कर मंदिर के निर्माण कराया जा रहा है।