सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले 5 लोगों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। इन सभी पर नौकरी के नाम पर ठगी करने का आरोप है। अभियुक्तों के पास से कई नियुक्ति पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र, बिना हस्ताक्षर सचिवालय पास भी बरामद हुए हैं।
लखनऊ: पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव व उसके गिरोह द्वारा बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को यूपी एसटीएफ के द्वारा गिरफ्तार किया गया है। बताया गया कि गिरोह बेरोजगार युवकों को चिन्हित कर निशाना बनाता था। गिरफ्तार आरोपियों के नाम अरमान खान, असगर अली, मोहम्मद फैजी, विशाल गुप्ता, अमित राव है।
एसटीएफ की टीम को गिरफ्तार आरोपियों के पास से 7 मोबाइल, 57 चेक हस्ताक्षर के साथ, पांच कूट रचित आईडी कार्ड, 22 नियुक्त पत्र, विभिन्न पदों के लिए 14 व्यक्तियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र, एक्सयूवी 700, दो सचिवालय पास बिना हस्ताक्षर बरामद हुए हैं। आरोपियों को एसबीआई मेन ब्रांच तिराहे से नेशनल पीजी कॉलेज जाने वाली रोड से गिरफ्तार किया गया है।
पूर्व मंत्री का निजी सचिव रहा है अरमान
जानकारी दी गई कि पकड़ा गया अभियुक्त अरमान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का निजी सचिव रहा है। जिसका वेतन श्रम विभाग द्वारा आहरित होता रहा है। यह अपने कार्यालय का उपयोग सलाहकार इत्यादि के लिए करता था। इसी के साथ समय-समय पर विभिन्न बहानों से पूर्व मंत्री को अभ्यर्थियों से रहता था।
आउटसोर्सिंग पर काम कर चुका है असगर
गिरफ्तार अभियुक्त असगर जनपद देवरिया का रहने वाला है। वह आउट सोर्सिंग पर कई विभागों में कार्य कर चुका है। इसी के साथ सरकारी पत्र एवं विभागों की जानकारी रखता है। सचिवालय में अरमान के माध्यम से इसकी आसानी से पहुंच थी। टीम को इसके पास से विभिन्न तिथियों के वाहन प्रवेश प्राप्त हुए है। लडकों को अपने साथी जामिल के माध्यम से इसी के द्वारा फंसाया जाता था। गोखरपुर, आजमगढ, सुल्तानपुर, इलाहाबाद आदि स्थानों से लडके इसे मिलते थे।
सरकारी भवन में ट्रेनिंग के नाम पर लोग होते थे ठगी का शिकार
फैजी को अरमान के माध्यम से सचिवालय में डिजिटलाइजेशन का काम करने वाली कम्पनी U V tech में वेण्डर सप्लाई का काम मिला था। यह प्राइवेट लडकों के माध्यम से बाल विभाग, रेशम विभाग, खाद्य एवं रशद विभाग का डिजिटलाइजेशन पूर्ण कर चुका है। इसे भी सरकारी पत्रों की ठीक ठाक जानकारी थी एवं इसे सचिवालय परिसर में ही काम करने की जगह मिल गयी थी। जहां यह सब मिलकर ट्रेनिंग के नाम पर लड़को को रखते थे। सरकारी भवन में ट्रेनिंग होने से लड़के आसानी से विश्वास कर जाते थे। फैजी का भाई सैफी भी इस सभी से मिला रहता था।
फर्जी वेबसाइट पर होता था परीक्षाफल प्रदर्शित
विशाल गुप्ता अपने आप को अभ्यर्थियों के समक्ष विभिन्न मंत्री एवं विभागों के टच में रहना प्रस्तुत करता था एवं सरकारी विभागों के नियुक्ति एवं रिक्ती का मास्टर माइंड था। बहुत दिनों से यह इस कार्य में लिप्त है। इसका एक साथी स्वप्निल जो पूर्व मे जेल जा चुका है। उससे मिलकर रेलवे की फर्जी वेबसाइट पर अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन व परीक्षाफल प्रदर्शित करवाता था। जिससे आसानी से लड़के विश्वास कर जाते व मनचाही धनराशि उनसे वसूलता था। इससे बहुत से विभागों के नियुक्ति पत्र व ब्लैंक चेक प्राप्त हुए है।