
कानपुर। कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर आयकर विभाग की छापेमारी शुक्रवार को भी जारी रही। कारोबारी के यहां 150 करोड़ रुपए कैश मिला है। शुक्रवार दोपहर तक 8 मशीनें मिलकर इनकी गिनती पूरी नहीं कर सकीं। आयकर विभाग को जैन के घर कई अलमारियों में नोट भरे मिले हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम (CBIC) के चेयरमैन विवेक जौहरी बताया कि कानपुर में कई स्थानों पर छापों से लगभग 150 करोड़ रुपए का कैश बरामद हुआ है, जो इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी बरामदगी है।
जौहरी के मुताबिक- हमें सूचना मिली थी कि त्रिमूर्ति फ्रैग्रेंस बिना चालान या टैक्स भुगतान के काम कर रही है। हमने उनके तीन संस्थानों में सर्च किया, जिसमें से लगभग 150 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए।
बिना चालान या ई वे बिल के मंगा रहे थे माल
जौहरी ने बताया कि डीजीजीआई की अहमदाबाद यूनिट को इंटेलिजेंस इनपुट मिला था कि पान मसाला कंपनी, त्रिमूर्ति फ्रेग्रेन्स एक और बड़ी गुटखा निर्माता कंपनी बिना किसी चालान के और बिना टैक्स चुकाए माल मंगवा रहे हैं। डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने पान मसाला निर्माता और उसे मटेरियल सप्लाई करने वालों की तलाशी शुरू की। उन्नाव के एक ट्रांसपोर्टर और एक फ्रेग्रेन्स कंपनी की भी तलाशी ली गई, क्योंकि वे पान मसाला कंपनी को फ्रेग्रेन्स मुहैया कराते थे। इसके बाद यह बरामदगी हुई। उन्होंने बताया कि एक कंपनी ने टैक्स चोरी की बात स्वीकार ली है। उसने 3 करोड़ रुपए जमा भी कर दिए हैं। इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जो चालान बने वो नकली थे, कीमत छिपाई गई
जौहरी के मुताबिक जांच में पता चला है कि ये लोग बिना किसी चालान और ई-वे बिल के माल भेज रहे थे। इसमें दो-तीन पक्ष शामिल हैं। हमें जो भी चालान मिले, वे सभी नकली थे। इसमें कीमतें छिपाई गईं। मामले में फर्जी चालान और फर्जी क्रेडिट का मामला दर्ज किया गया है।
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