शिवपाल बने रहेंगे सपा विधायक, पार्टी ने सदस्यता बनाए रखने के लिए लिखा लेटर

अखिलेश-शिवपाल के बीच चल रही खींचतान कुछ कम होने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त न करने के लिए पार्टी ने लेटर जारी किया है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 24, 2019 5:39 AM IST / Updated: Sep 24 2019, 12:39 PM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh). अखिलेश-शिवपाल के बीच चल रही खींचतान कुछ कम होने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त न करने के लिए पार्टी ने लेटर जारी किया है। बताया जा रहा है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने शिवपाल की विधानसभा सदस्यता को समाप्त करने के लिए दी बीते दिनों किए गए निवेदन को रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को लेटर लिखा है। वहीं, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने शिवपाल के सपा में शामिल होने की खबरों का खंडन किया है।

शिवपाल ने कही थी परिवार एकता की बात
बता दें, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने यादव परिवार को लेकर बीते दिनों कहा था कि परिवार में एकता की मेरी तरफ से पूरी गुंजाइश है। लेकिन कुछ लोग षड्यंत्र करके हम लोगों को एक नहीं होने देना चाहते। शिवपाल के इस बयान के बाद अखिलेश ने मीडिया से बातचीत में कहा था, हमारे परिवार में परिवारवाद नहीं बल्कि लोकतंत्र है। जो अपनी विचारधारा से चलना चाहे वो वैसे चले और जो वापस आना चाहे हम उसे आंख बंद करके शामिल कर लेंगे। यही नहीं, उन्होंने शिवपाल की पार्टी सदस्यता रद्द करने की अर्जी को वापस लेने की भी बात कही। 

क्या है परिवार में विवाद का मामला?
बता दें, साल 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले से ही चाचा-भतीजे शिवपाल और अखिलेश के बीच रार आ गई थी। जिसके बाद मुलायम ने दोनों के बीच सुलह की काफी कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। बताया जाता है कि ये रार सपा के वरिष्ठ नेता प्रो राम गोपाल यादव के चलते बढ़ी। राम गोपाल ने दिल्ली में बैठ पार्टी की कमान अपने हाथों में ले रखी थी, जबकि शिवपाल का कहना था कि उन्होंने लड़ाईयां लड़कर सपा को खड़ा किया। आखिर में नतीजा ये हुआ कि शिवपाल ने सपा से अलग होकर अपनी खुद की पार्टी बना ली, जिसकों नाम दिया प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)।

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