तीन पीढ़ियों से नहीं चल रहा खानदान का पता, पूर्वजों की तलाश में जौनपुर पहुंची वेस्टइंडीज की महिला

Published : Sep 07, 2022, 03:39 PM ISTUpdated : Sep 07, 2022, 03:47 PM IST
तीन पीढ़ियों से नहीं चल रहा खानदान का पता, पूर्वजों की तलाश में जौनपुर पहुंची वेस्टइंडीज की महिला

सार

वेस्टइंडीज से उत्तर प्रदेश के जिले जौनपुर के मड़ियाहूं तहसील के बारीगांव गांव में पहुंचीं निर्मला तीन पीढ़ियों से खानदान का पता कर रही है। जिसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। उसके बाद वह प्रयागराज के इस्कॉन मंदिर के लिए रवाना हो गई। 

जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जिले जौनपुर में एक वेस्टइंडीज की महिला अपने पूर्वजों की तलाश के लिए आई है। महिला अपने परदादा के बार में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। फिलहाल महिला को पूर्वज से संबंधित कोई सूचना नहीं मिल पाई। महिला ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनके साथ खुशी के पल बिताए। उसके बाद वह संगम नगरी प्रयागराज के इस्कॉन मंदिर के लिए रवाना हो गई। महिला के अनुसार उनके परदादा विश्वनाथ यादव साल 1880 में मड़ियाहूं तहसील के बारीगांव गांव में रहते थे।

भारतीय दूतावास से किया था संपर्क
बारीगांव गांव में रहने के दौरान अंग्रेज उन्हें आस्ट्रेलिया लेकर चले गए थे। उसके बाद परिवार बढ़ने पर लोगों ने कनाड़ा, साउथ अफ्रीका समेत अलग-अलग देशों में ठिकाना बना लिया। वेस्टइंडीज से आई महिला का कहना है कि उनके परदादा से जुड़े कुछ पूर्वज गांव में ही रह गए थे। वह उन्हीं के बारे में जानकारी इकत्रित करने आईं थीं। यहां आने से पहले वेस्टइंडीज निवासी महिला निर्मला ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया। उनका कहना है कि मैंने भारतीय दूतावास से संपर्क कर अपने परदादा के जन्मस्थान को देखने और परिवार का पता लगाने की इच्छा जाहिर की। उसके बाद दूतावास के जरिए डीएम जौनपुर से संपर्क किया। 

प्रधान के साथ महिला पहुंची गांव
शहर के डीएम से संपर्क करने के बाद महिला बरसठी थाने पर पहुंची। यहां पर बारीगांव के ग्राम प्रधान अर्जुन यादव का बुलवाया गया। इसके बाद प्रधान के साथ वह गांव में पहुंची। निर्मला ने बताया कि उनके पिता का नाम गणेश और दादा का नाम शिवदयाल यादव है। तीन पीढ़ियों से उनके परिजन पूर्वजों की तलाश कर रहे हैं लेकिन पता नहीं चल पाया। इतना ही नहीं वेस्टइंडीज से मड़ियाहूं के बारीगांव गांव में पहुंचीं निर्मला ने प्रधान के घर भोजन किया। उनके पूर्वजों का तो कुछ पता नहीं चला लेकिन वह ग्रामीणों से काफी घुलमिल गई। गांव के लोगों के व्यवहार से वह काफी प्रभावित हुई। पूर्वजों के बारे में कोई जानकारी न मिलने पर वह दोबारा आने का वादा कर प्रयागराज चली गईं। यहां के इस्कॉन मंदिर संस्था की सदस्य भी हैं।

पीलीभीत: युवती से छेड़छाड़ के आरोप में युवक को बंधक बनाकर परिजनों ने किया ऐसा काम, थाने जाकर दी तहरीर

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

Lucknow Weather Today: यूपी में शीतलहर, अगले 3 दिन ठंड से राहत की उम्मीद नहीं
जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन आखिर क्यों रुका? सारा पंडाल समेटा गया, वजह चौंकाने वाली!