आदेश को नजरअंदाज का नतीजा: पटाखों से हापुड़ में जहरीली हुई हवा, वायु प्रदूषण 657 पर पहुंचा

27 अक्टूबर यानी रविवार को पूरे देशभर में दीपावली का पर्व मनाया गया। योगी सरकार ने इस बार पटाखा जलाने के लिए समय सीमा शाम 8 से रात 10 बजे तक तय की थी। इसके बावजूद राजधानी में ही देर रात तक पटाखे जलाए गए। जिसके कारण यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद और लखनऊ के प्रदूषण में भारी इजाफा हुआ है। कई जगह तो सोमवार की सुबह लोग ममास्क पहनकर घर से बाहर निकले। हापुड़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 657 पहुंच गया, जोकि खतरनाक श्रेणी में आता है।

लखनऊ (Uttar Pradesh). 27 अक्टूबर यानी रविवार को पूरे देशभर में दीपावली का पर्व मनाया गया। योगी सरकार ने इस बार पटाखा जलाने के लिए समय सीमा शाम 8 से रात 10 बजे तक तय की थी। इसके बावजूद राजधानी में ही देर रात तक पटाखे जलाए गए। जिसके कारण यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद और लखनऊ के प्रदूषण में भारी इजाफा हुआ है। कई जगह तो सोमवार की सुबह लोग ममास्क पहनकर घर से बाहर निकले। हापुड़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 657 पहुंच गया, जोकि खतरनाक श्रेणी में आता है।

नोएडा, मुरादाबाद और गाजियाबाद में ये रहा वायु प्रदूषण का हाल
वहीं, नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 दर्ज किया गया, जोकि दिल्ली के 306 से काफी ज्यादा है। इसी तरह मुरादाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 पहुंच गया। गाजियाबाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 390 दर्ज किया गया। जबकि, पीएम 2.5 और पीएम-10 सामान्य से चार गुना ज्यादा हो गया। वहीं, लखनऊ में अधिकतम PM 2 का लेवल 334 रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा O3 का लेवल 7 रिकॉर्ड किया गया। NO2 अधिकतम सीमा 32 मापी गई। इसके अलावा SO2- 4 और CO- 13 रिकॉर्ड किये गए।

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क्या होता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत 0-50 को अच्छा तो 51-100 को संतोषजनक माना जाता है वहीं, 101-200 को मध्यम तो 300 को खराब माना जाता है। वहीं, 400 के बाद को बेहद खराब और 500 के पार को अत्यंत खराब माना जाता है।

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