
आगरा: सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी कॉमर्शियल एक्टिविटी को फौरन रोकने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद लोगों को रोजी-रोटी छिन जाने का डर सताने लगा है। जिसके बाद इस मामले पर बुधवार शाम को दक्षिणी गेट स्थित कुत्ता पार्क के चौक पर सभा का आयोजन किया गया। जिसमें कहा गया कि लड़ेंगे, जूझेंगे और जीतेंगे, लेकिन कारोबार नहीं बंद होने देंगे। बता दें कि ताजमहल पूर्वी गेट, पश्चिमी गेट और दक्षिणी गेट के दुकानदार और क्षेत्रीय लोग इस सभा के जरिए एकजुट होकर इस आदेश को वापस लेने की मांग करते दिखाई दिए।
रोजगार बचाने के लिए लड़ेंगे कानूनी लड़ाई
बताया जा रहा है कि ताजमहल के आसपास करोबार करने वाले सभी लोग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और अदालत के सामने एडीए की करतूत और सही तथ्यों को रखेंगे। इस सभा के दौरान होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा इससे पहले भी 1996 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का गलत अर्थ निकालकर प्रशासन ने उत्पीड़न किया था। जिसके बाद ताजगंज के लोगों ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखा था। ठीक वैसे ही अब करना होगा। लेकिन इससे पहले प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ कमिश्नर, डीएम और मंत्रियों के पास जाया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी अफसर अगर कोर्ट के आदेश को मनमाने तरीके से लागू करेंगे तो फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
व्यवसायिक गतिविधियों से ताजमहल को नहीं है खतरा
दक्षिणी गेट निवासी ताहिरुद्दीन ताहिर ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक, प्रदेश सरकार के मंत्री और केंद्रीय राज्य मंत्री से मिलकर अदालत में अपना पक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने सिर्फ पश्चिमी गेट पर एडीए की तरफ से बनाए गए अवैध मार्केट और दुकानों को हटाने की मांग की थी। इसलिए केवल उन्हीं अवैध दुकानों पर कार्रवाई की जाए। वहीं आगरा छावनी से भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा कि लोगों की रोजी रोटी बचाने की कोशिश की जाएगी। वहीं सीएम योगी से मिलकर सही तथ्यों को सामने रखा जाएगा। इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट में भी पैरवी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि दुकानों होटलों और व्यवसायिक गतिविधियों से ताजमहल को कोई खतरा नहीं है।
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