आगरा के बाह मोहल्ला कल्याण सागर में दोहरे हत्याकांड में चौंकाने वाला मोड़ सामने आ गया। जूता कारोबारी की बेटी और पत्नी की हत्या लूट के इरादे से नहीं की गई थी। नया मोड़ आने का बाद पुलिस फिर से तफ्तीश की दिशा बदल पड़ताल में जुट गई है।
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा के बाह मोहल्ला कल्याण सागर के दोहरे हत्याकांड (Agra Double Murder) में नया मोड़ आया। जूता कारोबारी की पत्नी व बेटी की हत्या लूट के लिए नहीं की गई थी। हत्यारे लूट के लिए नहीं बल्कि दोनों को जान से मारने के लिए आए थे। व्यापारी ने पुलिस को बदमाशों द्वारा 22 लाख रुपए लूटकर ले जाने की घटना के बारे में बताया था। हालांकि यह पैसे मां-बेटी के कमरे में पलंग के अंदर रखी हुई मिली। जिसके बाद यह घटना एक बार फिर से उलझ गई।
गौरतलब है कि मोहल्ला कल्याण सागर में 9 मार्च की रात को जूता कारोबारी उमेश पैंगोरिया की पत्नी कुसुमा व उनकी बेटी सरिता की हत्या कर दी गई। बदमाशों ने दोनों के मुंह पर तकिया दबाकर मार डाला। सरिता के दस वर्षीय बेटे अंकुश ने पलंग के नीचे छिपकर किसी तरह से अपनी जान बचाई। व्यापारी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपना प्लाट बेचा थे। इसी से मिले 22 लाख रुपए घर में ही रखे थे। शुरूआत में लगा कि बदमाश ने उनकी पत्नी-बेटी की हत्या यह रकम और जेवरात लूट ले गए। व्यापारी के बयान के आधार पर पुलिस इसे लूट के लिए हत्या मानकर जांच कर रही थी।
पलंग के नीचे मिले 22 लाख
मामले को लेकर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस व्यापारी के घर जांच के लिए गई थी। जहां पुलिस को पता लगा कि 22 लाख रुपए पलंग के नीचे ही रखे थे। वहीं जब व्यापारी से फिर पूछताछ की गई तो उसने कहा कि मुझे नहीं पता था कि पैसे पलंग के नीचे छिपाए गए हैं। पुलिस ने रकम को लिखापढ़ी में जब्त कर लिया है।
शक की सुई करीबियों पर
हत्या की सुई करीबियों पर है। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में लगता है कि हत्यारे घर के अंदर की भौगोलिक स्थिति को बखूबी समझते थे। मां-बेटी हत्यारों को पहचानती थी, इसी के चलते वह आसानी से घर में प्रवेश कर ले गए।
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